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छठवें दिन आप के तेवर और तीखे, 17 को घेरेंगे पीएम का घर

समरनीति न्यूज, नई दिल्लीः दिल्ली की केजरीवाल सरकार और उप राज्यपाल के बीच घमासन जारी है। शनिवार को छठवें दिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों का उप राज्यपाल अनिल बैजल के दफ्तर में धरना जारी है। साथ ही आप नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की भूख हड़ताल भी चल रही है।

केजरीवाल ने ट्विट करके कहा लड़ेंगे और जीतेंगे भी 

मामले में अभी कोई समाधान होता नजर नहीं आ रहा है बल्कि कई विपक्षी दलों के केजरीवाल के धरने को समर्थन देने के बाद मामला और लंबा खींचने के आसार नजर आ रहे हैं। केजरीवाल का कहना है कि वह जनता के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आज ट्विट करके कहा है कि ”जनता के चुने हुए मुख्यमंत्री के साथ ये पूरी व्यवस्था इस किस्म का व्यवहार कर सकती है तो एक आदमी का रोजाना क्या हाल होता है आप सोच सकते हैं। इसी व्यवस्था को बदलने का संकल्प है, लड़ेंगे, जीतेंगे।'”

बता दें कि शुक्रवार को अचानक उप राज्यपाल के दफ्तर में 20 डाक्टरों की टीम भेजी गई थी। साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया था। इसके बाद वहां हड़कंप मच गया था। अनुमान लगाया जा रहा था कि राज्यपाल के दफ्तर से मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके मंत्रियों को जबरन हटाया जा सकता है। आप नेता मनीष सिसौदियों ने वीडियो जारी करके अपने अनशन को और तेज करते हुए पानी भी छोड़ने की चेतावनी दी थी। हांलाकि बाद में आप नेता संजय सिंह ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने दावा भी किया था कि केंद्र सरकार जल्द ही उप राज्यपाल से बात करके कोई उचित कदम उठा सकती है।

आप के धरने के दौरान कम्यूनिष्ट नेता वृंदा करात। (फाइल फोटो)

विपक्षी दलों ने केजरीवाल के अनशन को दिया समर्थन  

उप राज्यपाल के दफ्तर में आप के धरने के बाद भाजपा भी मैदान में उतर चुकी है। पहले भाजपाई केजरीवाल के दफ्तर में धरने पर बैठे। फिर दूसरे मुद्दों को लेकर आम आदमी पार्टी और खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कई विपक्षी दल आप के इस धरने में मुख्यमंत्री केजरीवाल के समर्थन में उतर आए हैं। इन दलों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी त्रणमूल कांग्रेस, झारखंड की मुख्य पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और आंध्र प्रदेश की राजनीतिक पार्टी तेदेपा के अलावा मार्क्सवादी कम्यूनिष्ट पार्टी  और भारतीय कम्यूनिष्ट पार्टी समेत कई क्षेत्रीय पार्टियां भी समर्थन कर रही हैं। खास बात यह है कि कांग्रेस इस पूरे मामले में शुरू से मुख्यमंत्री केजरीवाल पर हमलावर रही है। कांग्रेस ने आप के इस धरने को धराना तमाशा बताते हुए इसकी निंदा की है।

क्या है पूरा मामला और क्यों आई धरने की नौबत  

बीती 19-20 फरवरी की रात  दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से केजरीवाल सरकार के मंत्रियों की हुई कथित मारपीट की घटना के बाद से दिल्ली के सभी आईएएस अधिकारी बीते लगभग तीन माह से हड़ताल पर हैं जिसके चलते सभी प्रशासनिक कामकाज बुरी तरह से ठप से हो गए हैं। इसी हड़ताल को खत्म कराने के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनकी कैबिनेट के मंत्री हड़ताल पर बैठे हैं। साथ ही आप का आरोप है कि उप राज्यपाल ने उनकी राशन योजना में देरी करवाने के लिए उसको मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेज दिया है। आम आदमी पार्टी अपनी इस राशन योजना को मंजूरी, आईएएस अधिकारियों हड़ताल समाप्ति और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए धरना दे रही है।

17 जून को पीएम आवास घेरने की तैयारी में आप  

आप नेताओं धरने के छठवें दिन कहा कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई और आईएएस अधिकारियों की हड़ताल खत्म नहीं कराई गई तो बड़ा आंदोलन करेंगे। इतना ही नहीं 17 जून को प्रधानमंत्री आवास का घेराव करेंगे। इस घेराव और बड़े आंदोलन के लिए आप कार्यकर्ताओं ने बैठक भी की है। दूसरी ओर मामला तूल पकड़ता जा रहा है।