मनोज सिंह शुमाली, बांदा : लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो चुके हैं। वहीं सत्ताधारी दल भाजपा विपक्षियों चुनौतियों को देखते हुए काफी सावधानी बरत रही है। संगठन के कील-कांटे दुरुस्त करने के बाद मंत्रीमंडल विस्तार भी कुछ ही घंटों में हो सकता है। पार्टी के विश्वस्त्र सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि लोकसभा चुनाव से पहले जातीय समीकरणों को देखते हुए बीजेपी बड़ा बदलाव कर सकती है।
फतेहपुर या तिंदवारी से मैदान में उतारने की चर्चा
पार्टी बांदा को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है क्योंकि निषाद बाहुल्य बांदा के तिंदवारी और फतेहपुर सीट पर लोकसभा के लिए मौजूदा राज्यमंत्री रामकेश निषाद एक जिताऊ दावेदार साबित हो सकते हैं। खासकर फतेहपुर में पार्टी को एक मजबूत स्तंभ की जरूरत है। दरअसल, बांदा के जिलाध्यक्ष रहे
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रामकेश 2022 में निषाद बाहुल्य बांदा की तिंदवारी विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। उनकी जीत का अंतर काफी ज्यादा रहा। अबतक इस सीट पर सपा के राज्य सभा सांसद विशंभर निषाद का दबदबा माना जाता था।
सपा की भी रही है इस क्षेत्र पर गहरी पकड़
हालांकि, विशंभर निषाद को सपा ने 2022 में फतेहपुर से चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन वह चुनाव हार गए। हालांकि, सपा की भी इस क्षेत्र पर गहरी पकड़ रही है। सपा के राज्यसभा सांसद विशंभर निषाद इसी क्षेत्र से चुने जाते रहे हैं। इन सब राजनैतिक हालातों में अब बुंदेलखंड में बीजेपी के लिए बांदा और फतेहपुर में निषाद बाहुल्य बेल्ट पर जातीय समीकरण साधना बड़ी चुनौती है। यहां यह बात भी समझनी होगी कि संजय निषाद की निषाद पार्टी बीजेपी का सहयोगी दल है। ऐसे में निषाद वोट बैंक की जरूरत को समझा जा सकता है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि
ऐसे में बीजेपी बांदा के मौजूदा राज्य मंत्री के जरिए जातीय समीकरण साध सकती है। अगर ऐसा होता है तो बीजेपी को इसका फायदा प्रदेश की बाकी निषाद बेल्ट में भी मिलेगा। ऐसे में यूपी मंत्री मंडल में कोई दूसरा चेहरा बुंदेलखंड से शामिल हो सकता है। बहरहाल, आने वाले समय ही बताएगा कि आगे क्या होगा।