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नामांकन रद्द होने का मामला लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तेज बहादुर, आयोग पर लगाया था पक्षपात का आरोप

तेज बहादुर यादव।

समरनीति न्यूज, न्यूज डेस्कः बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव अपना नामांकन निरस्त होने का मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। यादव बनारस से मोदी के खिलाफ चुनाव लडऩे को लेकर पिछले दिनों चर्चा में थे। उन्होंने कहा था कि वह मोदी से सीधे सवाल पूछने आए हैं। मालूम हो सपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द कर दिया गया था। तेज बहादुर यादव ने पहले निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल किया था इसके बाद समाजवादी पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था।

चुनाव आयोग ने रद्द किया था नामांकन 

सपा ने पहले शालिनी यादव को टिकट दिया था। तेज बहादुर का पर्चा रद्द होने के बाद अब समाजवादी पार्टी की ओर से शालिनी यादव ही पीएम मोदी के मुकाबले में हैं। वहीं कांग्रेस ने अजय राय को दोबारा टिकट देकर पीएम मोदी के खिलाफ उतारा है। गौरतलब है कि यादव ने 24 अप्रैल को निर्दलीय और 29 अप्रैल को समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया था। उन्होंने बीएसएएफ से बर्खास्तगी को लेकर दोनों नामांकनों में अलग अलग दावे किए थे। इस पर जिला निर्वाचन कार्यालय ने यादव को नोटिस जारी करते हुए अनापत्ति प्रमाण पत्र जमा करने का निर्देश दिया था।

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यादव से कहा गया था कि वह बीएसएफ से इस बात का अनापत्ति प्रमाणपत्र पेश करें जिसमें उनकी बर्खास्तगी के कारण दिये हों। हालांकि यादव ने दावा किया था कि उन्होंने चुनाव अधिकारियों को आवश्यक दस्तावेज सौंपे थे।  उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, “मैंने बीएसएफ में रहते हुए उसी बारे में आवाज बुलंद की, जिसे मैंने गलत पाया। मैंने न्याय की उस आवाज को बुलंद करने बनारस आने का फैसला किया था। अगर मेरे नामांकन में कोई समस्या थी तो एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में दाखिल करने (मेरे कागजात) के समय उन्होंने मुझे इस बारे में क्यों नहीं बताया। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर खुद को चुनाव लडऩे से रोकने के लिए “तानाशाही कदम” का सहारा लेने का आरोप लगाया।

सेना में मिलने वाले खाने को लेकर उठाया था सवाल  

मालूम हो 2017 में  यादव के एक वीडियो ने विवाद खड़ा कर दिया था। वीडियो में तेज बहादुर ने आरोप लगाया था कि जवानों को घटिया खाना दिया जा रहा है। इसके बाद उन्हें सीमा सुरक्षा बल से बर्खास्त कर दिया गया था। जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने तेज बहादुर यादव द्वारा पेश नामांकन पत्र के दो सेटों में ‘कमियां’ पाते हुए उनसे एक दिन बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने को कहा था।

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