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प्रियंका गांधी ने दिया भड़के माया-अखिलेश को कुछ ऐसा जवाब..

गंगा यात्रा के दौरान छात्राओं के साथ प्रियंका गांधी।

समरनीति न्यूज, पॉलीटिकल डेस्कः कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बसपा प्रमुख मायावती और अखिलेश के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि हम किसी को परेशान नहीं करना चाहते। हमारा एक ही मकसद है, बीजेपी को हराना। दरअसल सोमवार को मायावती और अखिलेश यादव ने कांग्रेस के सात सीट छोडऩे के ऐलान के बाद ट्वीट कर कहा था कि उनका कांग्रेस से कोई गठबंधन नहीं है। मायावती ने बड़े सख्त लहजे में यह बात कही थी।

माया-अखिलेश ने की थी तीखी प्रतिक्रिया 

दरअसल, बीते लोकसभा चुनावों 2014 में एक भी सीट न पाने वाली माया का पूरी तरह से पत्ता गुल हो गया था। यहां तक कि राज्यसभा में जाने तक के लाले पड़ गए थे। इस बार सपा के साथ गठबंधन के कारण मायावती अति आत्मविश्वास से भरी हुई हैं। ऐसा ही कुछ हाल अखिलेश यादव का भी है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी तीन दिन के लिए गंगा यात्रा पर है। गंगा यात्रा के दौरान उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तीखी प्रतिक्रिया पर जवाब देते हुए कहा कि ‘हम किसी को परेशान नहीं करना चाहते, हमें किसी के साथ कोई दिक्कत नहीं है।

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हमारा एक ही मकसद है, यही मकसद उन लोगों का है।’ मालूम हो कि रविवार को कांग्रेस ने ऐलान किया था कि वह लोकसभा चुनाव में सात सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारेगी। ये वो सीटें हैं, जहां से बसपा और सपा पार्टी के बड़े नेता चुनाव लड़ रहे हैं। इसके जवाब में सोमवार को मायावती ने ट्विटर पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।

गंगा यात्रा के दौरान युवतियों से मिलतीं प्रियंका गांधी।

उन्होंने लिखा था कि ‘बीएसपी एक बार फिर साफ तौर पर स्पष्ट कर देना चाहती है कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में कांग्रेस पार्टी से हमारा कोई भी किसी भी प्रकार का तालमेल व गठबंधन आदि बिल्कुल भी नहीं है। हमारे लोग कांग्रेस पार्टी द्वारा आये दिन फैलाये जा रहे किस्म-किस्म के भ्रम में कतई ना आयें। ऐसा ही कुछ अखिलेश ने भी ट्वीट किया था।

क्या था मामला 

जनवरी महीने में मायावती और अखिलेश यादव ने कांग्रेस को बाहर रखते हुए अपने गठबंधन का एलान किया था।  इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी और सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली पर अपने उम्मीदवार न उतारने का एलान किया था। बदले में कांग्रेस ने सात सीटों पर अपने उम्मीदवार न उतारने की घोषणा कर दी। कांग्रेस के इस कदम से यह संकेत गया था कि कांग्रेस अभी भी सपा-बसपा के साथ है।

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