समरनीति न्यूज, कानपुरः गुरुवार देर रात पुराने शहर के हटिया बाजार में जर्जर मकान ढहने के बाद बड़े स्तर पर बचाव कार्य चल रहा है। मौके पर फायर ब्रिगेड व पुलिस के जवानों रेस्क्यू में जुटे हैं। बताते हैं कि पुलिस के सिपाही आसपास के मकानों की छतों के रास्ते सीढ़ियां लगाकर मलबे तक पहुंचे। फिर वहां मलबे में मां-बेटी के दबे होने की आशंका के तहत उनकी तलाश की। उधर, सफलता न मिलते देख अधिकारियों ने देर रात सेना भी बुला ली है। सेना के जवान भी बचाव कार्य में जुट गए हैं। बताते हैं कि तड़के सुबह मां-बेटी के शवों को मलबे के नीचे से निकाला गया है। मकान ढहने के समय दोनों समय पर बाहर नहीं निकल पाईं। इस कारण उनकी मौत हो गई।
यह है पूरा का पूरा मामला
बताया जाता है कि हटिया बाजार में स्व. रामशंकर गुप्ता का परिवार चार मंजिला मकान के तीसरी मंजिल पर रहता था। परिवार में स्व. रामशंकर की पत्नी मीना (50), बेटी प्रीती (20), बेटे रिंकू और राहुल रहते हैं।
इसी मकान के बाकी हिस्सों में स्व. गुप्ता के दूसरे तीन भाई उमाशंकर, प्रेमशंकर और गणेश के परिवार रहते थे। बताते हैं कि गुरुवार सुबह से शुरू हुई बारिश के बाद मकान की ईंटे गिरना शुरू हो गईं।
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स्थिति को भांपते हुए सभी भाइयों ने अपना-अपना अलग रहने का इंतजाम कर लिया और घर खाली कर दिया। रात 8 बजे तक सभी लोग मकान खाली करके निकल गए। लेकिन स्व. गुप्ता का परिवार वहीं रुका रहा।
बताते हैं कि करीब 9 बजे मीना गुप्ता का बेटा रिंकू दूध लेने निकल रहा था। वह खुद खाना बनाने लगीं। बताते हैं कि कुछ ही मिनट बाद मकान की ईंटे एक-एक करके तेजी से गिरने लगीं। इसपर रिंकू चिल्लाता हुआ बाहर की ओर भागा। वहीं मीना और प्रीती मकान के भीतर फंस गए। आधी छत लटक गई। मलबे में मां-बेटी दब गए। उधर, कंट्रोल रूम में सूचना मिलते ही डीएम डा. ब्रह्मदेव राम तिवारी, डीआईजी डा. प्रीतिंदर सिंह, फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। उधर, सकरी गली में मकान होने की वजह से बचाव कार्यों में दिक्कत आ रही है। सेना के जवान रेस्क्यू कार्य में जुटे हैं।
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