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विधानमंडल के मानसून सत्र में सड़क से सदन तक घेराबंदी को विपक्ष ने कसी कमर

समरनीति न्‍यूज़, लखनऊः देवरिया प्रकरण को लेकर विपक्ष ने सरकार की घेराबंदी करने को कमर कस ली है। सड़क से लेकर सदन तक विरोध की तैयारी है। सदन के बाहर सभी विपक्षी पार्टियां अपने-अपने स्तर पर विरोध करेंगी परंतु सदन के भीतर एकजुटता दिखेगी। विपक्षी दल के नेता रामगोविंद चौधरी ने आरोप लगाया कि देवरिया के घिघौने कांड ने प्रदेश को पूरी दुनिया में शर्मसार किया है।

सरकार आंख और कान बंद किए बैठी है। उसे महिलाओं पर अत्याचार नजर नहीं आता है। केवल विपक्षी दलों के नेताओं पर बर्बरता कर लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। 23 अगस्त से शुरू होने वाले विधानमंडल के मानसून सत्र में देवरिया व इस तरह के अन्य मुद्दों को जोरशोर से उठाया जाएगा।

ऐसी दी चेतावनी
कांग्रेस विधानमंडल दल नेता अजय कुमार ‘लल्लू’ ने भी सदन में सरकार को घेरने की चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा की तानाशाही को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उधर, प्रदेश कांग्रेस के मीडिया को-आर्डिनेटर राजीव बख्शी ने बयान जारी कर देवरिया प्रकरण के साथ हरदोई के बेनीगंज में महिलाएं गायब होने का मुद्दा भी उठाया है।

जताई आशंका
अन्य स्थानों पर भी संरक्षण गृहों में अवैध कार्य होने की आशंका जताते हुए मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के बयान को शर्मनाक व गैरजिम्मेदाराना करार दिया और उनसे त्यागपत्र देने की मांग की है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) की राज्य मंत्रिपरिषद ने देवरिया में संरक्षण गृह की बालिकाओं से घटित जघन्य और बर्बर अपराध पर आक्रोश जताया। पार्टी ने फैसला लिया है कि नौ अगस्त को सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध में प्रदर्शन किये जायेंगे।

जिम्‍मेदार घोषित किया
लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने भ्रष्टाचार व यौनाचार के लिए भाजपा के साथ पूर्ववर्ती सपा व बसपा सरकारों को भी जिम्मेदार करार दिया। उन्होंने देवरिया की घटना को बिहार के मुजफ्फरपुर से भी ज्यादा दर्दनाक बताया। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने आरोप लगाया कि केंद्र और प्रदेश की सरकार समाज में सांप्रदायिक व जातीय तनाव बढ़ाने पर ही ध्यान लगाए हैं। देवरिया के अलावा अन्य जिलों में नारी व बाल संरक्षण केंद्रों की भी उच्च स्तरीय जांच करायी जाए।