समरनीति न्यूज़, लखनऊः पिछले दिनों बिहार के मुजफ्फरपुर के एक शेल्टर होम से महिलाओं के साथ यौन शोषण की घटनाएं सामने आईं थीं। इस घटना से देश भर में अफरातफरी मच गई थी। इस मामले को कुछ ही दिन हुए थे कि उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में भी एक शेल्टर होम में महिलाओं के साथ यौन शोषण की घटना सामने आई थी।
प्राप्त हुई है ऐसी जानकारी
लगातार कई जगहों पर हो रही ऐसी ही घटनाओं से सीख लेकर अब सरकार जाग चुकी है। केंद्र सरकार ने अब 9,000 संस्थानों के ऑडिट का आदेश दिया है, जिनमें अनाथ और घर से बेदखल कर दिए गए बच्चे रह रहे हैं। अगले दो महीने में ऑडिट रिपोर्ट पेश करनी है। महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) से बाल संरक्षण संस्थानों की सोशल ऑडिट करने के लिए कहा है।
दिए गए ऐसे आदेश
इन सभी संस्थानों को अगले 60 दिनों के भीतर रिपोर्ट तैयार कर देने के आदेश दिए गए हैं। इसके लिए एक परफॉर्मा भी तैयार किया जा रहा है। मेनका गांधी ने बताया कि यह परफॉर्मा सामान्य चेकलिस्ट से काफी अलग होगा।
की जाएगी जांच पड़ताल
गौरतलब है कि इस ऑडिट में उन सभी एनजीओ की भी जांच-पड़ताल की जाएगी, जो इन संस्थानों को चला रहे हैं। देश भर में कुल 9,462 बाल संरक्षण संस्थान हैं। इनमें से 7,109 संस्थान सरकार के साथ पंजीकृत हैं। हालांकि इन संस्थानों को चलाने के लिए अधिकतर पैसा सरकारें देती हैं। राज्य सरकारें अक्सर इसके लिए एनजीओ को जिम्मेदारी सौंपती हैं।
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