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हुजूर! पत्नी के पैर दबाता हूं फिर खाना बनाता हूं, इसलिए देर से आता हूं आफिस…

समरनीति न्यूज, चित्रकूटः हजूर पहले पत्नी के पैर दबाता हूं और फिर घर का खाना बनाता हूं। इसके बाद आफिस आता हूं इसलिए देरी हो जाती है लेकिन इस बार आप माफ कर दीजिए। आगे से थोड़ा जल्दी काम करके समय से निकलूंगा और जल्दी आफिस पहुंच जाऊंगा। ये मजाक नहीं है सहाब, बल्कि हकीकत है वाणिज्यकर विभाग के उस कर्मचारी (आशुलिपिक) अशोक कुमार के स्पष्टीकरण की। जिससे देर से कार्यालय पहुंचने पर उसके बास ने उससे स्पष्टीकरण मांगा था।

वाणिज्यकर विभाग के आशुलिपिक ने देर से आने पर कुछ ऐसा दिया है स्पष्टीकरण 

अपनी समस्याओं को लिखते हुए अपने बास, एमएस वर्मा, डिप्टी कमिश्नर (कर निर्धारण/प्रशासन) वाणिज्य कर (सीतापुर (कर्वी-चित्रकूट)  को उनके नोटिस का जवाब देते हुए कर्मचारी ने लिखा है कि साहब, मेरी पत्नी बीमार रहती है। इसलिए खाना मैं ही बना रहा हूं। रोटियां बन नहीं पा रहीं, बनाता हूं तो जल जाती हैं। पत्नी की नाराजगी उठानी पड़ती है। आगे लिखा है कि पत्नी का बीमारी में बदन दर्द करता है तो हाथ-पैर दबाने पड़ते हैं। दलिया खाकर जी रहा हूं, इसके बाद जब पौने 10 बजे घर से निकलता हूं तो रास्ते में खराब सड़क और जाम के कारण देरी हो जाती है।

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बात यहीं खत्म नहीं हुई। इस कर्मचारी ने बड़ी ही साफगौई के साथ लिखा है कि ‘मैं थोड़ा और समय निकालकर सुबह पत्नी की सेवा कर लूंगा और जल्दी घर से निकलूंगा। बाकी साहब आप खुद समझदार हैं।’  आगे इस कर्मचारी ने लिखा है कि बाकी साहब आप खुद समझदार हैं, उपरोक्त बातों के मद्देनजर मेरा स्पष्टीकरण स्वीकार कर लें, महान दया होगी।

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इस स्पष्टीकरण पत्र के वायरल होते ही माहौल हास्यमय हो गया। वहीं दूसरी ओर विभाग के अधिकारी कुछ बोलने में थोड़ा संकोच भी कर रहे हैं। हांलाकि विभाग के अधिकारी श्री वर्मा से बात की गई तो उन्होंने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि कर्मचारी अशोक से यही स्पष्टीकरण मिला है। उसकी समस्या जायज है, उसकी पत्नी बीमार हैं और जल्द ही उसने समय से आने की बात कही है।