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अपनी ही विजिलेंस से हारा बिजली विभाग, चोरों पर FIR की बजाए सेटिंग-गेटिंग से सुलट रहे मामले

प्रतीकात्मक फोटो

समरनीति न्यूज, कानपुरः बिजली चोरी रोकने के लिए यूपीपीसीएल ने एफआईआर अनिवार्य करने के साथ ही असेसमेंट दोगुना करने जैसे सख्त नियम बना दिए हैं। बावजूद इसके विजिलेंस टीम के खेल के कारण बिजली चोरों को सबक सिखाने में नाकामयाबी ही हाथ लग रही है। इसी महीने विजिलेंस टीम ने बिजली चोरी के 64 मामले पकड़े, लेकिन एक भी एफआईआर दर्ज नहीं करा सके है। वहीं यूपीपीसीएल के नए नियमों में बिजली चोरी के हर मामले में एफआईआर दर्ज कराना अनिवार्य किया जा चुका है।

चोरी से विभाग को भारी नुकसान 

बिजली चोरी से केस्को और यूपीपीसीएल का खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है। रेवेंयू के साथ ही चोरी के कारण इलेक्ट्रिसिटी लाइनें टूटने, ट्रांसफॉर्मर आदि डैमेज होते हैं। इसी वजह से बिजली चोरों को लेकर यूपीपीसीएल सख्त रुख अपनाए हैं। उसने बिजली चोरी के हर मामले में एफआईआर और दुगुना असेसमेंट अनिवार्य कर रखा है।

विजिलेंस की टीम फेर रही है पानी   

बिजली चोरों को सबक सिखाने के मंसूबों पर विजिलेंस टीम पानी फेर रही है।  2 से 9 जुलाई के बीच विजिलेंस, यूपीपीसीएल ने मिलकर 225 छापे मारे।  64 लोगों के यहां बिजली चोरी मिली, लेकिन एक भी मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। यही नहीं इनमें से केवल 15 लोगों ने कम्पाउंडिंग जमा की है।  इसी तरह विद्युत अनियमितता और चोरी के 75 मामले भी पकड़े गए और  22.27 लाख रुपए असेसमेंट निर्धारित किया। पर इसमें से केवल 4.70 लाख रुपए ही असेसमेंट जमा हुआ है।

अधिकारी भी हो चुके हैं परेशान  

पिछले दिनों यूपीपीसीएल के चेयरमैन आलोक कुमार ने समीक्षा में पोर्टल पर एफआईआर की संख्या निल देखकर खासी नाराजगी भी जताई थी। केस्को इम्प्लाइज के मुताबिक बिजली चोरों पर तुरंत धारा 135 की कार्रवाई की बजाए उन्हें टीम आरपीएच और केस्को मुख्यालय बुला लेती है। वहां सेटिंग-गेटिंग का गेम चलता है। इसी वजह से बिजली चोरी की एफआईआर दर्ज नहीं हो रही है।