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14 साल पहले कानपुर में हुए अशोक सब्बरवाल हत्याकांड में दोषियों को हुई फांसी

समरनीति न्यूज, कानपुरः स्वरूपनगर में कोल्ड स्टोरेज मालिक की गोली मारकर हत्या करने वाले दो शूटर को मंगलवार को फांसी की सजा सुनाई गई। दोनों ने एक लाख की सुपारी लेकर कारोबारी की हत्या की थी। दोनों ने शातिर अपराधी गुलाम नवी के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था, लेकिन गुलाम नवी की मौत हो जाने से वारदात से उसका नाम हटा दिया गया। वहीं, एक आरोपी को साक्ष्य के अभाव में बरी भी किया गया।

बताया जाता है कि नजीराबाद के बरसाइतपुर निवासी अशोक कुमार सब्बरवाल कोल्ड स्टोरेज मालिक थे। वह 23 जून 2004 को कार से स्वरूपनगर गए थे। वह शाम करीब 7.30 बजे फिटनेस केयर सेंटर के पास रुके थे। वहां पर कांस्टेबल प्रमोद कुमार और कृष्ण पाल गश्त कर रहे थे। तभी उनके सामने बाइक सवार बदमाश अशोक पर फायरिंग कर भाग गए। घटना के खुलासे में जुटी एसटीएफ ने मुठभेड़ के दौरान गोल चौराहे के पास हत्यारोपियों को पकड़ा तो पता चला कि दोनों कुलीबाजर निवासी चांद बाबू उर्फ चंदा और शरीफ अहमद है।

 

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पूछताछ के दौरान दोनों ने बताया कि एक लाख की सुपारी लेकर उन्होंने ही अशोक सब्बरवाल की हत्या की है। उनको शातिर अपराधी गुलामी नवी ने सुपारी दिलाई थी। वारदात के समय उनके साथ गुलाम नवी और इंतखाब उर्फ मैनेजर भी थे। दोनों दूसरी बाइक से थे। गुलाम नवी ने उनसे कहा था कि उसको पपई के बेटे मो. शरीफ ने अशोक को मारने की सुपारी दी थी। इसे देख पुलिस ने गुलाम नवी और मो. शरीफ को भी आरोपी बनाकर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी लेकिन अभियोजन पक्ष कोर्ट में यह साबित नहीं कर पाया कि मो. शरीफ ने सुपारी दी थी। इसपर कोर्ट ने मो. शरीफ को बरी कर दिया। शासकीय अधिवक्ता प्रदीप बाजपेई ने बताया है कि अपर जिलाजज सप्तम की कोर्ट में इस मुकदमे की सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों को मृत्युदंड और एक-एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई।

 

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