समरनीति न्यूज, बांदा : आईजी के. सत्यनारायण ने कहा कि पुलिसकर्मी कानूनी बारीकियों को अच्छी तरह से सीखें, समझें और फिर उनका उपयोग करें। ऐसा करके बेटियों को न्याय दिलाएं। उन्होंने कहा कि जब पुलिस का विवेचक कानूनी बारीकियों का उपयोग करेगा तो अपराधियों को बचने का मौका नहीं मिलेगा। दरअसल, बांदा के आईजी नारायण आज जिला पुलिस लाइन में आयोजित बालिका सुरक्षा व मानव तस्करी विषय पर आयोजित मंडलीय कार्यशाला में बोल रहे थे। इससे पहले उन्होंने दीप जलाकर कार्याशाला का शुभारंभ भी किया।
बांदा एसपी एसएस मीणा बोले..
कार्यशाला का विषय बाल विवाह व मानव तस्करी रहा। इस मौके पर बांदा पुलिस अधीक्षक एसएस मीणा भी मौजूद रहे। एसपी मीणा ने कहा कि इस कार्यशाला से पुलिस कर्मियों को महिलाओं और बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों की विवेचना करने में काफी मदद मिलेगी। कहा कि इस कार्यशाला में कई कानूनी जानकारियां मिलेंगी।
अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा..
इस दौरान एएसपी महेंद्र चौहान ने विशेष किशोर पुलिस इकाई के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सभी बाल कल्याण पुलिस अधिकारी बच्चों से बातचीत करते समय वर्दी में नहीं रहेंगे। उन्होंने इस अधिनियम की बारीकियों पर भी प्रकाश डाला। यूनीसेफ से अनिल कुमार ने किशोर न्याय अधिनियम, पाक्सो अधिनियम की एक-एक धारा बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही बच्चों से संबंधित बैड टच और गुड टच के बारे में बताया।
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बच्चों से संबंधित या बच्चों के खिलाफ आपराधिक मामले में बच्चों को निर्दोष मानने के सिद्धांत की भी जानकारी दी। सभी बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों से अधिनियम की मंशा के अनुसार बच्चों के हित को ध्यान में रखकर काम करने को कहा। सहायक अभियोजक अधिकारी जितेंद्र सिंह ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 और पुलिस अधिकारियों की भूमिका के बारे में बताया। कार्यशाला समापन के दौरान चित्रकूटधाम मंडलायुक्त दिनेश कुमार सिंह भी मौजूद रहे। इस दौरान सहायक अभियोजन अधिकारी ब्रम्हमूर्ति यादव ने भी संबोधित किया। संचालन अध्यापिका सोनम सिंह ने किया।
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