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दो हत्याओं के बाद राजधानी में फिर बेटियों की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल

 

लखनऊः राजधानी लखनऊ में बेटियों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर पुलिस कटघरे में खड़ी नजर आ रही है। बेटियों को सुरक्षा को लेकर पुलिस पर तमाम सवाल उठ रहे हैं। अपराधियों में पुलिस का डर क्यों नहीं बन पा रहा है, क्या पुलिस अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभा रही है। क्या पुलिस अपना काम ठीक से नहीं कर रही है। अगर कर रही है राजधानी में बेटियों के कत्ल क्यों हो रहे हैं क्या हत्यारों में पुलिस और कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है। ऐसे तमाम सवाल राजधानी की पुलिस पर उठ रहे हैं।

दो दिन में दो युवतियों की नृशंस ढंग से हत्या, पहली वारदात बीकेटी में दूसरी मड़ियावा क्षेत्र में  

बीते तीन दिनों में दो बेटियों की अलग-अलग हत्या की वारदात ने राजधानी के लोगों को सोचना पर मजबूर कर दिया है कि उनकी बेटियां कितनी सुरक्षित हैं। बख्शी तालाब इलाके में बीती 21 जून को  खेतों पर गई किशोरी की हत्या का पुलिस अबतक कोई सुराग नहीं लगा पाई है जबकि घटना के बाद संबंधित थाना की पुलिस ने जल्द ही हत्या के खुलासे की बात कही थी। पुलिस ने कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार करने की भी बात कही थी। हत्याकांड में दुष्कर्म की बात भी सामने आ रही थी।

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इस वारदात को 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि मड़ियाव थाना क्षेत्र में मुख्य सड़क से थोड़ी दूर पर एक 17 साल की युवती का शव मिलने से सनसनी फैल गई। शव को देखकर साफ था कि उसकी बड़ी बेरहमी से हत्या की गई है। शव पर धारदार हथियारों से गंभीर गहरे चोट के निशान होने के साथ ही उसे दूर तक घसीटे जाने की बात भी खुलकर सामने आ रही थी।शुक्रवार को इस युवती की शिनाख्त बलिया जिले के अधिवक्ता की पुत्री संस्कृति राय के रूप में हुई। जो लखनऊ में रहकर पालीटेक्निक की पढ़ाई कर रही थी और एक दिन पहले से लापता थी।