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घबराइये नहीं ! आधार की वजह से बंद नहीं होगा आपका मोबाइल सिम 

घबराइये नहीं ! आधार की वजह से बंद नहीं होगा आपका मोबाइल सिम 

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समरनीति न्यूज, नई दिल्लीः अगर आप इस चिंता से परेशान हैं कि सिम वेरीफिकेशन के दोबारा होने वाली प्रक्रिया में पहचान फेल होने पर आपका सिम कार्ड बंद हो सकता है तो ऐसा नहीं है। सरकार ने इस मामले में साफतौर पर कहा है कि आधार की वजह से एक भी सिम कार्ड बंद नहीं होगा। सभी मोबाइल पहले की तरह काम करते रहेंगे। हांलाकि इससे पहले खबरें आईं थीं कि आधार से वेरीफाई नंबरों का दोबारा वेरीफिकेशन होगा। अगर इसमें पहचान मेल नहीं खाती है तो लगभग 50 करोड़ नंबरों को बंद कर दिया जाएगा। ये भी पढ़ेंः आधार पर सुप्रीमकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: अब बैंक, परीक्षाओं और मोबाइल के लिए अनिवार्य नहीं ‘आधार कार्ड’  दूरसंचार मंत्रालय और विशिष्ठ पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने संयुक्त बयान दिया है। दोनों सरकारी संस्थाओं ने साफ किया है कि आधार पर सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद दोबारा वेरीफिकेशन का फैसला पूरी तरह से उपभोक्ता ...
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: मस्जिद में नमाज का मामला पांच जजों वाली बेंच को नहीं भेजा जाएगा

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: मस्जिद में नमाज का मामला पांच जजों वाली बेंच को नहीं भेजा जाएगा

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समरनीति न्यूज, नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने आज गुरूवार को एक बेहद अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा है कि मस्जिद में नमाज का मामला अब बड़ी बेंच यानि पांच जजों वाली बेंच को नहीं भेजा जाएगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फारुकी मामले में टिप्पणी से अयोध्या केस की सुनवाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा। देश की सर्वोच्च अदालत ने आज कहा कि कहा कि 1994 के संविधान पीठ के फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं है और यह मामला अब बड़ी बेंच में नहीं भेजा जाएगा। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि 1994 के संविधान पीठ के फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं उच्चतम न्यायालय ने ‘मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग है या नहीं है’ के बारे में 1994 के फैसले पर दोबारा विचार के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से इंकार कर दिया। ये भी पढ़ेंः मेरठ में बीजेपी के फायरब्रांड विधायक संगीत सोम के घर ग्रेनेड से हमला, ताबड़तोड़ गोलीबार...
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की आईपीसी की धारा-497, शादी के बाहर के संबंध अपराध नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की आईपीसी की धारा-497, शादी के बाहर के संबंध अपराध नहीं

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समरनीति न्यूज, नई दिल्लीः देश की सर्वोच्च अदालत ने आज एक बड़ा ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए शादी के बाहर के संबंध को अपराध की श्रेणी से बाहर रखते हुए 158 साल पुराने व्यभिचार-रोधी कानून यानि आईपीसी की धारा-497 को रद्द कर दिया। अदालत की, चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन, न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय संविधान पीठ ने आईपीसी यानी भारतीय दंड संहिता की धारा 497 को पूरी तरह से असंवैधानिक करार दिया। सभी जजों ने इस मामले में एक राय से फैसला सुनाया। दरअसल, अदालत ने इटली में रहने वाले केरल निवासी जोसेफ शाइन की याचिका पर यह फैसला सुनाया है। क्या थी आईपीसी की धारा-497, यह भी जानियेः  अबतक आईपीसी की धारा-497 के तहत अगर किसी शादीशुदा पुरुष का किसी अन्य शादीशुदा महिला से उसकी रजामंदी से शारीरिक संबंध ...
प्रमोशन में अनुसूचित जाति/जनजाति के कर्मचारियों को मिलता रहेगा आरक्षण – सुप्रीम कोर्ट  

प्रमोशन में अनुसूचित जाति/जनजाति के कर्मचारियों को मिलता रहेगा आरक्षण – सुप्रीम कोर्ट  

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समरनीति न्यूज, डेस्कः बुधवार को अपने महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अनुसूचित जाति-जनजाति के (SC/ST) कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण जारी रहेगा। अदालत ने कहा है कि सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण नहीं हटेगा। देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा है कि इस फैसले पर दोबारा विचार की जरूरत नहीं है। ये भी पढ़ेंः आधार पर सुप्रीमकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: अब बैंक, परीक्षाओं और मोबाइल के लिए अनिवार्य नहीं ‘आधार कार्ड’   अदालत ने कहा है कि पिछड़ेपन पर मात्रात्मक डेटा इकट्ठा करने की जरूरत नहीं है। अदालत ने साफ कर दिया है कि प्रमोशन में एससी/एसटी आरक्षण का मामला बड़ी बेंच को नहीं जाएगा। बताते चलें कि केंद्र सरकार नागराज मामले  पर पुनर्विचार चाहती थी लेकिन सुप्रीमकोर्ट के इस फैसले के बाद 2006 का आदेश अब बरकरार रहेगा। ये भी पढ़ेंः लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर लावारिस ...
दागी सांसदों और विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

दागी सांसदों और विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

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समरनीति न्यूज, नई दिल्लीः प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। सुप्रीमकोर्ट ने कहा है कि दोष सिद्ध होने से पहले सांसदों और विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य याचिका पर फैसला सुनाते हुए यह भी कहा है कि आरोप झेल रहे किसी नेता को चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता है। ये भी पढ़ेंः क्या सरकार नागरिकों के व्हाट्सएप संदेशों को टैप करना चाहती है – सुप्रीमकोर्ट साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि उम्मीदवारों को खुद पर लगे आपराधिक आरोपों की साफ-साफ जानकारी देनी होगी। साथ ही पार्टियों को अपनी वेबसाइट पर भी इसका जिक्र करना होगा। ये भी पढ़ेंः  सुप्रीम कोर्ट ने दी एससी/एसटी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण पर राहत साथ ही सरकार से इस संबंध में जल्द कानून बनाने को कहा है ताकि अपराधियों और बा...