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बांदा में पेयजल के लिए हाहाकार, कलेक्ट्रेट में खूब गूंजे जलसंस्थान मुर्दाबाद के नारे..

बांदा में पेयजल के लिए हाहाकार, कलेक्ट्रेट में खूब गूंजे जलसंस्थान मुर्दाबाद के नारे..

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समरनीति न्यूज, बांदाः  शहर के लोगों को पानी मिलेए या फिर वह प्यासे ही मर जाएं। जल संस्थान के अधिकारियों को इससे कोई वास्ता नहीं रह गया है। सोमवार को नोनिया मुहल्ला की महिलाओं ने जल संस्थान के एक्सईएन को चूड़ियां भेंट की थीं जबकि मंगलवार को बलखंडीनाका में रहने वाले बाशिंदों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करते हुए जल संस्थान मुर्दाबाद के नारे लगाए। इसके साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारियों पर भी लापरवाही का आरोप लगाया। तकरीबन एक सप्ताह से पानी न मिलने के कारण नोनिया मुहल्ला की एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं ने सोमवार को जल संस्थान कार्यालय में प्रदर्शन किया था। जल संस्थान एक्सईएन को चूड़ियां तक भेंट कर दी थीं। नोनिया मुहाल की महिलाओं ने सोमवार को एक्सईएन को दी थीं चूड़ियां   मंगलवार को पानी संकट से परेशान बलखंडीनाका मुहल्ले में नाले के पीछे रहने वाले लोगों ने कहा कि उन्हें एक-एक बाल्टी पानी के लिए मशक्क...
बांदा में प्रियंका गांधी हिरासत मामलेे में धरने पर जमे कांग्रेसियों ने सरकार को बताया संवेदनहीन

बांदा में प्रियंका गांधी हिरासत मामलेे में धरने पर जमे कांग्रेसियों ने सरकार को बताया संवेदनहीन

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समरनीति न्यूज, बांदाः सोनभद्र में हुए नरसंहार में मारे गए लोगों परिजनों से मिलने सोनभद्र जाते समय कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव को प्रशासन ने शुक्रवार को हिरासत में ले लिया था। इसको लेकर सूबे में कांग्रेसियों में उबाल आ गया है। बांदा में भी शुक्रवार को कांग्रेसियों ने प्रदेश सरकार का पुतला जलाया और शनिवार को भी धरने पर बैठे रहे। धरने पर बैठे कांग्रेसियों की अगुवाई कर रहे जिलाध्यक्ष अखिलेश शुक्ला ने कहा कि यह प्रदेश सरकार की संवेदनहीनता है कि मृतक परिजनों से न तो मुख्यमंत्री मिलने गए और न ही कोई मंत्री। पुतला जलाने के बाद से धरने पर हैं कांग्रेसी  इतना ही नहीं कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी जब सोनभद्र में मृतक परिजनों से मिलने जा रही थीं तो प्रदेश सरकार के इशारे पर अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। वह अभी तक वह पुलिस हिरासत में हैं। कहा कि उनकी नेता को सोनभद्र में म...
जान लेता ही नहीं, कभी-कभी बचाता भी है “शक” – नाटक शक

जान लेता ही नहीं, कभी-कभी बचाता भी है “शक” – नाटक शक

Today's Top four News, उत्तर प्रदेश, कानपुर, लखनऊ
समरनीति न्यूज, कानपुरः ‘हम सिर्फ ये एक्टिंग इसलिए कर रहे थे कि मैं तुम्हारे खोये हुए प्यार को दोबारा हांसिल कर सकूं और तुम पहले की तरह एकदम सही हो जाओ। देखों तुम्हारा शक ही हमारे प्रेम की ताकत बन गया।’ अपने प्रेम की परख का एहसास कराते इन ये भावनात्मक शब्द हिस्सा हैं नाटक ‘शक’ का। जिसका मंचन बीती देर शाम राघवेंद्र स्वरूप आडिटोरियम में किया गया। इस नाटक की खास बात यह है कि इसमें सिर्फ चार केंद्रीय पात्रों ने अपने अभियन से दर्शकों को बांधे रखा। नाटक की थीम में दिखाया गया कि एक हादसे में पति अपाहिज हो जाता है और धीरे-धीरे महसूस करने लगता है कि उसकी पत्नी का झुकाव उसके करीबी दोस्त की ओर हो रहा है। ये भी पढ़ेंः Fitness और Beauty में बालीबुड Actress को पीछे छोड़ती यह Punjabi बाला Khushi Gadhvi वह दोनों पर शक करने लगता है। एक दिन वह दोनों को एक साथ पकड़ लेता है। लेकिन बाद में पता चलता...