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Tag: सुरक्षा

150 पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में घोड़ी चढ़कर शान से बारात ले निकला संजय जाटव

150 पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में घोड़ी चढ़कर शान से बारात ले निकला संजय जाटव

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समरनीति न्यूज, कासगंजः ठाकुर बाहुल्य वाले जिले के निजामपुर गांव में आखिरकार डेढ़ सौ पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में संजय जाटव और शीतल की शादी सकुशल हो गई। इसके बाद पुलिस ने भी राहत की सांस ली और परिवार के लोगों ने भी खुशी मनाई। बारात में गांव और क्षेत्र के दलित समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए और लोगों ने बारात में जमकर मजे किए। अपर पुलिस अधीक्षक पवित्र मोहन त्रिपाठी ने बताया कि बारात को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से एलर्ट था और हर स्थिति पर नजर रखी जा रही थी। उन्होंने कहा कि दुल्हन की विदाई तक गांव निजामपुर में पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल बना रहा। इतना ही नहीं शादी के बाद भी पुलिस बल तैनात रहा। इसके साथ ही गांव में 80 साल से किसी दलित को घोड़ी न चढ़ने देने का पाखंड आखिरकार टूट गया। बताते चलें कि बीते कई महीनों से इस शादी को लेकर ठाकुर बाहुल्य आबादी वाला यह गांव सुर्खियों में ब...
डान-माफियाओं की जेलों में अटकी हैं सांसें, क्योंकि डर सबको लगता है…

डान-माफियाओं की जेलों में अटकी हैं सांसें, क्योंकि डर सबको लगता है…

Breaking News, Feature, Today's Top four News, उत्तर प्रदेश, बांदा, बुंदेलखंड
संपादकीय डेस्कः टीवी पर आने वाले एक कोल्ड ड्रिंक कंपनी का विज्ञापन तो आपने देखा ही होगा। जिसमें एक युवक कोल्ड ड्रिंक पीते हुए कहता है "क्योंकि डर सबको लगता है।" या डर के आगे जीत है। जी, हां इसमें कोई दो राय नहीं। कई बार हम समाचारों में जब बड़े माफियाओं, अपराधियों और शूटर के दुस्साहसिक कारनामों के बारे में सुनते-पढ़ते हैं तो कुछ क्षण के लिए सोचते हैं कि वे वाकई बड़े बेखौफ हैं, न कानून का डर है और न उपर वाले का। लेकिन हकीकत में ऐसा होता नहीं है, क्यों कि यकीन मानिए, डर सबको लगता है। बस वक्त मौत का एहसास कराने वाला होना चाहिए। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद जेलों में बंद माफिया मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद और ब्रजेश सिंह व बबलू श्रीवास्तव के चेहरे की रंगत उड़ी  कुछ ऐसा ही हाल आजकल यूपी के जेलों में बंद डान-माफियाओं और शूटरों का है। वजह एकदम साफ है। बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बा...
..जरा सी लापरवाही और हर साल गंगा की गोद में समा रहीं कई जिन्दगियां

..जरा सी लापरवाही और हर साल गंगा की गोद में समा रहीं कई जिन्दगियां

Feature, उत्तर प्रदेश, कानपुर
सरमरनीति न्‍यूज, कानपुरः यहां रहने वाले हर निवासी को खुद खुदकिस्‍मत मानना चाहिए कि वो गंगा की नगरी में है. ऐसी नगरी जहां बिठूर से लेकर महाराजपुर तक लगभग 50 किलोमीटर तक गंगा अपना आशीष देते हुए बहती है. डेढ़ दर्जन से ज्यादा घाटों पर हजारों लोग आज भी रोजाना सुबह गंगा स्नान स्नान करने पहुंचते हैं. ऐसे में हर छोटे-बड़े पर्व पर तो घाटों पर मेले लगते हैं और लाखों लोग यहां पहुंचते हैं, लेकिन अफसोस सिर्फ एक ही बात का है कि इन घाटों पर सुरक्षा के नाम पर कोई सुविधा न होने से जीवन देने वाली गंगा की गोद में ही हर साल दर्जनों लोगों का जीवन दम तोड़ देता है. भले ही बारिश कम, फिर भी पानी नहीं कम  कानपुर में भले ही बारिश की रफ्तार बहुत धीमी हो लेकिन गंगा में पानी की कमी नहीं है. बरसात के दिनों में गंगा में पानी बढ़ने के साथ-साथ गंगा घाटों पर होने वाले हादसे भी बढ़ जाते हैं. अब गुजरे रविव...
दो हत्याओं के बाद राजधानी में फिर बेटियों की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल

दो हत्याओं के बाद राजधानी में फिर बेटियों की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल

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  लखनऊः राजधानी लखनऊ में बेटियों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर पुलिस कटघरे में खड़ी नजर आ रही है। बेटियों को सुरक्षा को लेकर पुलिस पर तमाम सवाल उठ रहे हैं। अपराधियों में पुलिस का डर क्यों नहीं बन पा रहा है, क्या पुलिस अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभा रही है। क्या पुलिस अपना काम ठीक से नहीं कर रही है। अगर कर रही है राजधानी में बेटियों के कत्ल क्यों हो रहे हैं क्या हत्यारों में पुलिस और कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है। ऐसे तमाम सवाल राजधानी की पुलिस पर उठ रहे हैं। दो दिन में दो युवतियों की नृशंस ढंग से हत्या, पहली वारदात बीकेटी में दूसरी मड़ियावा क्षेत्र में   बीते तीन दिनों में दो बेटियों की अलग-अलग हत्या की वारदात ने राजधानी के लोगों को सोचना पर मजबूर कर दिया है कि उनकी बेटियां कितनी सुरक्षित हैं। बख्शी तालाब इलाके में बीती 21 जून को  खेतों पर गई किशोरी की हत्या का पुलिस अब...