समरनीति न्यूज, डेस्कः नई दिल्ली में आज रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारी भीड़ के बीच विपक्षी दलों पर तगड़ा हमला बोला। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरूआत ‘भारत माता की जय’ बोलकर किया। इसके बाद उन्होंने नारा बोला कि, ‘विविधता में एकता-भारत की विशेषता।’ इस नारे को पीएम मोदी ने वहां मौजूद जनमानस से भी दोहराने को कहा। पूरा मैदान भारत माता की जय और विविधता में एकता-भारत की विशेषता के नारों से गूंज उठा। प्रधानमंत्री मोदी को सुनने के लिए भारी संख्या में लोग वहां पहुंचे थे और दिल्ली का यह ऐतिहासिक मैदान भीड़ से खचाखच भरा था। इस दौरान प्रधानमंत्री विपक्षियों पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि विपक्ष युवाओं को भड़का रहा है, उनको बरगला रहा है।
विपक्ष को कुछ ऐसे दिया जवाब
प्रधानमंत्री मोदी की यह जनसभा इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही थी क्योंकि हाल ही में देशभर में एनआरसी और सीसीए के विरोध में हिंसा और विपक्षी गोलबंदी हुई है जिसके बाद तय था कि प्रधानमंत्री मोदी कुछ बड़ा बोलेंगे।
बहराल पीएम मोदी ने विपक्ष को खासकर कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हमने जब योजनाओं का लाभ दिया तो लोगों से यह नहीं पूछा कि उनका धर्म क्या है और आस्था किसमे हैं। कहा कि हमारी सरकार ने गरीबों के लिए काम किया है। सभी के लिए काम किया है। किसी के साथ पक्षपात नहीं किया है। साथ ही कहा है कि एनआरसी और सीसीए से देश की मिट्टी पर जन्में मुसलिमों को कोई खतरा नहीं है।
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कहा कि देश के युवाओं को भड़काया जा रहा है। कुछ लोग बच्चों के दिमाग में हिंसा भर रहे हैं। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा। कहा कि ममता दीदी इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के सामने पहुंच गईं हैं। कहा कि कुछ साल पहले तक यही ममता दीदी संसद में गुहार लगाती थीं कि बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों को रोका जाना जरूरी है।
इतना ही कहती थीं कि पीड़ित शरणार्थियों को मदद की गुहार लगाती थीं। स्पीकर के सामने कागज फेंका करती थीं। पीएम मोदी ने कहा कि अब आपको क्या हो गया है दीदी, आप क्यों बदल गई हैं। कहा कि बंगाल की जनता पर भरोसा करो, वहां के नागरिकों को दुश्मन क्यों मान रही हैं।
बयान पर दी थी ममता बनर्जी ने सफाई
बताते चलें कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा भारत में नागरिकता कानून पर जनमत संग्रह कराने की मांग को पूरी तरह ठुकरा दिया है। इतना ही नहीं ममता बनर्जी ने गुरुवार को एक रैली में कहा था कि सरकार को उनकी चुनौती है कि नागरिकता संशोधन कानून पर सरकार को भरोसा है तो संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में जनमत संग्रह कराना चाहिए। हालांकि, शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता ने अपने इस बयान पर सफाई दे डाली। कहा कि उन्होंने तो ओपनियन पोल की बात कही थी।
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