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वाराणसी से बर्खास्त बीएसएफ जवान तेज बहादुर के नामांकन पर संकट..

तेज बहादुर।

समरनीति न्यूज, पॅालीटिकल डेस्कः तेज बहादुर यादव की वजह से इस समय बनारस चर्चा में बना हुआ है। तेज बहादुर को जिस तरह जन समर्थन के साथ नेताओं का समर्थन मिल रहा है उससे बनारस का समीकरण बदलने लगा था, लेकिन अब यादव के नामांकन पर संकट मडराने लगा है। चुनाव आयोग ने तेज बहादुर को नोटिस जारी किया था जिसका जवाब आज 11 बजे तक जमा करना था। तेज बहादुर आज कलेक्ट्रेट जाकर जवाब दिए है। अब देखना होगा कि चुनाव आयोग उनके जवाब से संतुष्टï हो पाता है या नहीं।

सपा ने दिया है तेज बहादुर को अपनी पार्टी से टिकट 

बताते चले कि बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर को समाजवादी पार्टी ने वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लडऩे के लिए टिकट दिया है। सपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन से पहले तेज बहादुर ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार नामांकन किया था। तब अपने हलफनामे में उन्होंने माना था कि उन्हें सरकारी नौकरी से बर्खास्त किया गया है, लेकिन सपा उम्मीदवार के रूप में नामांकन भरते समय उन्होंने इस बात का जिक्र नहीं किया। इसी को लेकर चुनाव आयोग ने तेज बहादुर को बीएसएफ से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट यानी एनओसी लाने को कहा था।

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आयोग ने जो नोटिस जारी किया है और उसमें कहा गया है कि ‘भ्रष्टाचार और विश्वासघात’ के चलते नौकरी से निकाले गए सरकारी कर्मचारियों को अगले पांच सालों तक चुनावी कैंपेन के लिए अयोग्य करार दिया जाएगा। चुनाव आयोग का कहना है कि अगर तेज बहादुर यादव प्रमाण नहीं देते हैं तो उनका नामांकन खारिज कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि नौ जनवरी, 2017 को हरियाणा के रेवाड़ी के तेज बहादुर यादव ने सेना में परोसे जा रहे भोजन को सार्वजनिक कर पूरे देश का माहौल सर्दियों में गरमा दिया था। उन्होंने फेसबुक के माध्यम से खाने पर सवाल उठाया था। उनका यह वीडियो सेना में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए काफी था, लेकिन जांच-पड़ताल के बजाए उन्हें अनुशासनहीनता में बर्खास्त कर दिया गया।

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