समरनीति न्यूज, लखनऊः आरटीआई देने में लापरवाही करने वाले अधिकारियों को अबकी बार तगड़ी मार सहनी पड़ी है। प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने सूबेभर के 19 अफसरों पर सूचना न देने पर 4 लाख 60 हजार का अर्थदंड ठोका है। इन सभी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
राज्य सूचना आयुक्त ने कहा है कि अफसरों को 30 दिन के अंदर सूचना देना, अनिवार्य है। कहा कि जिन अधिकारियों ने सूचना देने में देरी की है और जान-बूझकर वादी को परेशान किया है, उनको आदेश दिया गया है कि पीड़ित वादी को क्षतिपूर्ति भी दी जाए। प्रदेशभर के ऐसे अधिकारियों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अफसर बड़े संख्या में शामिल हैं।
इन अधिकारियों पर गिरी गाज –
- अधिशासी अभियन्ता, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि. बिजनौर पर 25,000 रूपए।
- जिला परिवहन अधिकारी, सम्भल पर 10,000 रूपए।
- वस्त्र निरीक्षक (हथकरघा) विकास भवन, बिजनौर पर 25,000 रूपए।
- अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड तृतीय, शामली पर 25,000 रूपए।
- अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड चांदपुर, बिजनौर पर 25,000 रूपए।
- खण्ड विकास अधिकारी, बनियाखेड़ा तहसील चन्दौसी, सम्भल पर 25,000 रूपए।
- जिला पंचायत राज अधिकारी, बिजनौर पर 25,000 रूपए।
- जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, सहारनपुर पर 25,000 रूपए।
- जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, सम्भल पर 25,000 रूपए।
- जिला पूर्ति अधिकारी, रामपुर पर 25,000 रूपए।
- खण्ड विकास अधिकारी विकास खण्ड बनियाखेड़ा, सम्भल पर 25,000 रूपए।
- जिला पूर्ति अधिकारी, सम्भल पर 25,000 रूपए।
- ज.सू.अ, जिलाधिकारी, सम्भल पर 25,000 रूपए।
- खंड विकास अधिकारी पंवासा, सम्भल पर 25,000 रूपए।
- अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत गुन्नौर, सम्भल पर25,000 रूपए।
- चिकित्सा अधीक्षक स्वास्थ्य केन्द्र खजरा, सम्भल पर 25,000 रूपए।
- मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मुजफ्फरनगर पर 25,000 रूपए।
- बाल विकास एवं पुष्टाहार अधिकारी बनियाखेड़ा, सम्भल पर 25,000 रूपए।
- प्रभारी अधिकारी वन बन्दोबस्त लिपिक, बिजनौर पर 25,000 रूपए।