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सीएम योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल क्लास में आरक्षियों को पढ़ाया अनुशासन का पाठ

समरनीति न्यूज, लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को करीब 33 हजार प्रशिक्षु आरक्षियों को पहली वर्चुअल क्लास में अनुशासन का पाठ पढ़ाया। इस मौके पर उन्‍होंने कहा कि वे सफलता के लिए शार्टकट न अपनाएं। उन्हें उम्मीद है कि कंप्यूटर में दक्ष पुलिसकर्मी आगे साइबर क्राइम के नियंत्रण में अहम भूमिका निभाएंगे। इसके साथ ही पुलिस अधिकारियों को कानून-व्यवस्था को और बेहतर बनाने तथा पुलिस व जनता के बीच संवाद को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।

ऐसे किया शुभारंभ 

यूपी पुलिस के इतिहास में यह पहला मौका था जब प्रशिक्षु आरक्षियों के प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ मुख्यमंत्री ने किया और तकनीक के जरिये उनसे रूबरू हुए। इंदिरा भवन स्थित पुलिस प्रशिक्षण निदेशालय में उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि आरक्षी के पदों पर रिक्तियों का प्रभाव कानून-व्यवस्था, सुरक्षा व यातायात प्रबंधन पर पड़ रहा था। दारोगा, सिपाही व फालोवर के करीब 1.60 लाख पद रिक्त हैं। मार्च 2017 में जब सत्ता संभाली, तब कानून-व्यवस्था की चुनौती थी। अराजकता का माहौल था। पुलिस के प्रति लोगों में अविश्वास का वातावरण था। इसमें सुधार के लिए पुलिस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रदेश में सुरक्षा का वातावरण पैदा हुआ है।

कहा कुछ ऐसा भी 

मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि कानून-व्यवस्था में सुधार के लिए और अच्छा करने की जरूरत है। योगी ने कहा कि आज की पुलिस ब्रिटिश पुलिस नहीं बन सकती। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि प्रशिक्षु प्रशिक्षण में रुचि लें और सेवाकाल की मजबूत आधारशिला रखें। डीजी प्रशिक्षण निदेशालय गोपाल गुप्ता ने बताया कि प्रशिक्षण में आपदा प्रबंधन, यातायात प्रबंधन, स्ट्रेस मैनेजमेंट, साइबर क्राइम सहित कई नए विषयों को जोड़ा गया है। इस दौरान कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। संचालन एडीजी डॉ.संजय एम तरडे ने किया।

महिला सुरक्षा पर जताई चिंता 

यहां योगी ने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए और कदम उठाए जाने की जरूरत है। महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में कई बार करीबी शामिल होते हैं। ऐसे प्रकरणों को कैसे रोका जाए, इस पर काम करने की जरूरत है।

42 हजार और सिपाहियों की होगी भर्ती  

डीजीपी ने कहा कि 33 हजार अभ्यर्थियों के मेडिकल व प्रपत्र जांचने की प्रकिया डेढ़ माह में पूरी की गई। 42 हजार सिपाहियों की भर्ती प्रकिया चल रही है, जिसे नवंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। अगले वर्ष 35 हजार और सिपाही भर्ती किए जाएंगे।