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ऊर्जा मंत्री ने शिकायत मिलने के बाद किया गांवों संग अन्याय न होने का दावा

समरनीति न्यूज, लखनऊः प्रदेश के कुछ गांव तो बदल कर नोएडा हो गए, लेकिन इस नोएडा में बचे कुछ गांव अब भी इस कदर बदहाली की हालत में हैं कि ग्रामीण स्तर की सुविधाओं के लिए भी तरस रहे हैं। ग्रेटर नोएडा के ऐसे ही करीब 118 गांवों का मामला अब ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के पास पहुंचा है। गावों को 18 से 20 घंटे बिजली आपूर्ति के दावे के बीच ग्रेटर नोएडा के इन गांवों को केवल 10 से 12 घंटे ही बिजली मिलने की शिकायत पर मंत्री ने पावर कॉरपोरेशन से जानकारी तलब करते हुए ग्रामीणों के साथ अन्याय न होने का दावा किया है।

बताया लक्ष्‍य के बारे में
ऊर्जा मंत्री को बुधवार को बताया गया कि प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में 18 से 20 घंटे बिजली देने का लक्ष्य रखा है, जबकि निजी क्षेत्र में कार्यरत नोएडा पावर कंपनी अपने ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के 118 गांवों में केवल 10 से 12 घंटे की ही आपूर्ति कर रही है, जिससे उपभोक्ताओं में भारी नाराजगी है। उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने शक्ति भवन में मंत्री से मुलाकात कर बताया कि निजी क्षेत्र की पहली वितरण कंपनी नोएडा पावर द्वारा उपभोक्ता विरोधी प्रक्रिया अपनाते हुए भेदभाव किया जा रहा है।

ठहराया चिंता का विषय
अवधेश वर्मा ने बताया कि परिषद की ओर से नोएडा पावर कंपनी के वित्तीय मानकों का सीएजी ऑडिट कराने की मांग सरकार से लगातार की जा रही है, जिससे पता चल सके कि कंपनी की सही स्थिति क्या है। परिषद ने निजी घरानों द्वारा आम नागरिकों को बेवकूफ बनाये जाने को चिंता का विषय ठहराया।

न्‍याय के प्रति कराया आश्‍वस्‍त
वर्मा के मुताबिक ऊर्जा मंत्री ने नोएडा पावर कंपनी से हर हाल में उपभोक्ताओं के हित में काम कराने का दावा करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की नीतियों के तहत अच्छी बिजली उपलब्ध कराने को कंपनी की जिम्मेदारी ठहराई  है। मंत्री ने इस मामले पर पावर कारपोरेशन से पूरी जानकारी तलब की है। साथ ही उपभोक्ताओं के साथ न्याय करने के प्रति आश्वस्त किया है। उन्होंने इस मामले पर जल्द ही उच्चाधिकारियों से वार्ता करने की भी बात कही है।