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बुंदेलखंड में 48 शिक्षक-कर्मचारियों पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति की तलवार, 50 से उपर वाले जाएंगे घर

समरनीति न्यूज बांदाः चित्रकूटधाम मंडल में परिषदीय विद्यालयों के 42 शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति की तलवार लटक गई है। दरअअसल. बीते 10 साल से इन शिक्षकों के शैक्षिक कार्यों की गोपनीय ढंग से जांच कराने के बाद प्रदेश के शिक्षा विभाग ने यह फैसला किया है। इतना ही नहीं प्रदेश सरकार ने उम्रदराज शिक्षकों को लेकर इस संबंध में दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं।

शासनादेश के बाद 50 से उपर वालों की सूची तैयार 

बताते चलें कि सरकारी सेवाओं में सरकार युवा कर्मचारियों को प्राथमिका दे रही है। इसकी पहल बेसिक शिक्षा विभाग से की जा रही है। इस संबंध में जारी शासनादेश के बाद विभाग ने दूसरे चरण की स्क्रीनिंग में 50 वर्ष की उम्र से उपर वाले शिक्षकों व कर्मचारियों के सेवाकाल का आंकलन किया है।

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इसके आधार पर एक सूची तैयार की गई है। इसे मंडलस्तर पर गठित स्क्रीनिंग कमेटी को भेजा जा रहा है। अब मंडल स्तर की चार सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी इसपर निर्णय लेगी। इस कमेटी में मंडलीय सहायक निदेशक (एडी) अध्यक्ष होंगे तथा बीएसए-एबीएसए सदस्य होंगे। सूत्रों की माने तो मंडल के चारों जिलों में इस श्रेणी के 42 शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मचारी चिह्नित किए गए हैं। इनमें वे शिक्षक और कर्मचारी हैं जो काम में लापरवाही बरत रहे हैं।

इस आधार पर हो रही छंटनी  

  • अधिकारियों के निरीक्षण में अक्सर ड्यूटी से गैरहाजिर मिलने वाले शिक्षक-कर्मचारी।
  • मेडिकल अवकाश लेने में आगे रहने वाले और अन्य शिक्षकों व साथियों के साथ गलत व्यवहार वाले।
  • स्कूलों में शैक्षिक स्तर भी अच्छा नहीं रख पाने वाले। 

यह बोले, एडी बेसिक 

चित्रकूटधाम मंडल के सहायक बेसिक शिक्षा निदेशक गंगा सिंह राजपूत से इस संबंध में बात की गई। उन्होंने मीडिया कर्मियों को बताया है कि शासन के निर्देश पर सूची तैयार की जा रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई भी की जाएगी।

विरोध में उतरा प्राथमिक शिक्षक संघ

शासन द्वारा अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए शिक्षकों की स्क्रीनिंग का उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी ने कड़ा विरोध किया है। श्री त्रिपाठी ने कहा है कि उम्र बढ़ने के साथ ही शिक्षकों में अनुभव के साथ कार्य क्षमता बढ़ती है। उन्होंने कहा कि लापरवाही का आरोप लगाकर अनिवार्य सेवानिवृत्ति देना गलत है।