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गाजीपुर में निषाद पार्टी कार्यकर्ताओं की भीड़ ने की सिपाही की पीट-पीटकर हत्या, मचा हड़कंप

सिपाही सुरेश प्रताप वत्स। (फाइल फोटो)

गाजीपुर, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम की ड्यूटी से लौट रही पुलिस पार्टी में शामिल एक सिपाही की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। यह घटना उस समय हुई जब पुलिस पार्टी रास्ता जाम किए बैठे निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास कर रही थी। इसी दौरान भीड़ उग्र हो गई और पथराव शुरू कर दिया। एक सिपाही भीड़ के बीच में फंस गया और भीड़ ने उसे पीट-पीटकर मार डाला। बाद में पुलिस ने भीड़ को खदेड़कर सिपाही को उसके चंगुल से छुड़ाया। बाद में पुलिस उनको जिला अस्पताल लेकर पहुंची। वहां चिकित्सकों ने सिपाही को मृत घोषित कर दिया।

जाम खुलवाने गई थी पुलिस, भीड़ की शक्ल में शुरू किया पथराव  

बताया जाता है कि आरक्षण की मांग को लेकर कठवामोड़ मंगई नदी पुल के आगे निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मार्ग जाम कर दिया था। उनको हटाने गए करीमुद्दीनपुर थाने में तैनात हेड कांस्टेबिल सुरेश प्रताप वत्स (48) को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। डीएम के. बालाजी व एसपी डा. यशवीर सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे लेकिन तबतक आरोपी लोग वहां से भाग चुके थे।

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मामले में पुलिस ने देर रात तक अलग-अलग थानों में 200 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। आइजी विजय सिंह मीणा ने भी जिला अस्पताल पहुंचकर मामले की जानकारी ली है। बताते चलेंकि आरक्षण की मांग को लेकर जिलेभर से निषाद पार्टी के कार्यकर्ता जिला मुख्यालय पर धरना देने पहुंच रहे थे।

मृतक सिपाही का बेटा विपिन।

प्रधानमंत्री की सभा के बाद लौट रहे थे लोग 

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को देखते हुए पुलिस ने इन कार्यकर्ताओं कई जगहों पर बीच में ही रोक दिया। गुस्साए निषाद पार्टी के कार्यकर्ता नोनहरा थाना क्षेत्र के कठवामोड़ मंगई नदी के पुल पर धरना देने लगे। प्रधानमंत्री की सभा समाप्त होने के बाद जब लोग वापस घरों को लौटने लगे तो इन लोगों ने गाजीपुर-मुहम्मदाबाद मार्ग जाम कर दिया।

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उधर, करीमुद्दीनपुर थानाध्यक्ष को जाम खुलवाने के लिए कहा गया। एसओ पुलिसकर्मियों के साथ जाम खुलवाने मौके पर पहुंचे। बताते हैं कि पहले तो भीड़ ने पुलिस से तहजीब से बात की। लेकिन अचानक भीड़ उग्र हो गई और पुलिस पार्टी पर पथराव करने लगी। वहां भगदड़ मच गई और निषाद पार्टी कार्यकर्ता ने करीमुद्दीनपुर थाने में तैनात सिपाही सुरेश प्रताप वत्स को दबोच लिया।

अस्पताल में डाक्टरों ने किया मृत घोषित 

इन कार्यकर्ताओं ने सिपाही को बुरी तरह से जमकर पीटा। सिर में गंभीर चोट के कारण मौके पर ही सिपाही बेहोश होकर गिर पड़ा। पुलिसकर्मियों ने हमलावरों को खदेड़कर सिपाही सुरेश प्रताप को छुड़ाया। पुलिसकर्मी लहूलुहान हालत में सिपाही को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। वहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक सिपाही प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज थाना क्षेत्र के लच्छीपुर गांव के रहने वाले थे। सिपाही की हत्या के बाद कठवामोड़ पूरी तरह छावनी में तब्दील हो गया।

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नोनहरा, करीमुद्दीनपुर, भांवरकोल, सुहवल, जंगीपुर, मुहम्मदाबाद कोतवाली के अलावा कई थानों की फोर्स इलाके में पहुंची। पुलिस सोशल मीडिया पर वायरल मौके के वीडियो के सहारे हत्यारों की पहचान करने में  जुटी है। पुलिस ने मामले में 32 नामजद और कई अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। उधर, मृतक के बेटे विनीत ने कहा है कि पुलिस अपनों को ही नहीं बचा पा रही है। कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सिपाही के बेटे ने कहा कि अब मुआवजे का क्या करेंगे जब पिता ही नहीं रहे।