समरनीति न्यूज, डेस्क : बेटे की हत्या में 17 साल की जेल काटकर घर लौटे व्यक्ति ने खुद को गोली मार ली। बाद में उसकी मौत हो गई। परिवार के लोगों में रोना-पीटना मचा है। परिजनों का कहना है कि जेल से आने के बाद से ही वह तनाव में था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पूरा मामला बांदा जिले के कमासिन थाना क्षेत्र के लाखीपुर मनकहड़ी गांव का है।
7 मई को जेल से हुआ था रिहा, 2003 में की थी बेटे की हत्या
बताते हैं कि गांव के वीरेंद्र ने ट्यूबवेल के पास एक पेड़ के नीचे खुद को तमंचे से गोली मार ली। कनपटी पर गोली लगने से मौके पर ही उनकी मौत हो गई। गोली की आवाज सुनकर परिवार के लोगों के साथ ग्रामीण भी वहां पहुंचे।
सूचना पर पुलिस भी वहां पहुंच गई। पुलिस ने खून से लथपथ वीरेंद्र का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के भतीजे देव कुमार ने पोस्टमार्टम हाउस पर बताया कि उसके चाचा वीरेंद्र बीती 7 मई को जेल से छूटे थे। वह तनाम में थे और गुमशुम रहते थे।
यह था पूरा मामला
भतीजे ने बताया कि जमीन के बंटवारे में वर्ष 2003 में वीरेंद्र ने अपनी पहली पत्नी सावित्री के बेटे कल्लू यादव की हत्या कर दी थी। बाद में उसे अदालत से सजा हो गई। 17 साल जेल में बिताए।
छूटकर आने पर खुद को गोली मार ली। कमासिन थानाध्यक्ष उमेश कुमार सिंह ने बताया कि मृतक अपराधी किस्म का व्यक्ति था। उसके पास तमंचा कहां से आया, इसकी जांच की जा रही है। उधर, मृतक के भतीजे ने बताया कि इससे पहले भी मृतक एक पड़ोसी की लाठियों से पीटकर हत्या कर चुका था।
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