समरनीति न्यूज, बांदा : बांदा में महिला डिग्री कालेज में आजादी के संघर्ष का सामाजिक और साहित्यिक परिप्रेक्ष्य विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इसमें भोपाल से आईं डॉ. नेहल शाह ने रूस और यूक्रेन युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की अहिंसा आज वैश्विकतौर पर बड़ी जरूरत बन चुकी है। उन्होंने कहा कि गांधीवादी मूल्यों से ही एक बेहतर समाज का निर्माण संभव है। दरअसल, इस संगोष्ठि का आयोजन हिंदी विभाग द्वारा किया गया।
रिसर्च जनरल का विमोचन भी हुआ
संगोष्ठी में रविवार को दूसरे दिन 364 पृष्ठीय रिसर्च जनरल का विमोचन हुआ। इसमें केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली समेत कई राज्यों के प्राध्यापकों और शोधार्थियों के शोध हैं।
ये भी पढ़ें : बांदा में JNU प्रोफेसर बोले, बाल्मिकी रामायण के आदर्शों पर चलें, तभी जीवन सफल
इस मौके पर एनसीईआरटी भोपाल से आए डॉ. अरुणाभ सौरभ ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के समय जो मूल्य स्थापित हुए थे वही भारत के नवनिर्माण की प्रेरणा बने। लखनऊ के डॉ. राघवेंद्र मिश्र ने सभी से सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ने को कहा। प्रो. पुनीत बिसारिया ने राष्ट्रीय आंदोलन में बुंदेलखंड की संघर्ष गाथा पर चर्चा की।
ये भी पढ़ें : बांदा में शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण का पुतला फूंका
ग्रामोदय विश्वविद्यालय प्रो. ललित सिंह ने कहा कि बांदा जैसे छोटे शहर में इतनी व्यवस्थित संगोष्ठी एक बड़ी उपलब्धि है। वहीं कार्यक्रम के संयोजक डॉ. शशिभूषण मिश्र और सचिव डॉ. अंकिता तिवारी ने सभी का आभार व्यक्त किया। महाविद्यालय की प्राचार्य डा. दीपाली गुप्ता ने सभी का धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. अंकिता तिवारी ने किया। सेमिनार में दिल्ली, सागर, ग्वालियर, रीवा, झांसी, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, चित्रकूट, सतना, भोपाल, जबलपुर, हमीरपुर, महोबा जिलों के प्राध्यापक और शोधार्थी शामिल हुए।
ये भी पढ़ें : नशे में स्कूल पहुंचे हेड मास्टर, BSA ने किया सस्पेंड, शासन को भेजी रिपोर्ट
ये भी पढ़ें : बांदा : BJP ने फूंका पाकिस्तानी मंत्री बिलावल का पुतला