समरनीति न्यूज, नई दिल्ली: भारतीय रिजर्ब बैंक में देश के 24वें गवर्नर उर्जित पटेल ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उन्होंने इस्तीफा देने की वजह व्यक्तिगत बताई। सितंबर 2016 में रघुराम राजन की जगह लेने वाले उर्जित पटेल की नियुक्ति तीन साल के लिए हुई थी। उनके इस्तीफे के बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर बड़ा हमला बोला है।
इस्तीफे की नहीं बताई साफ वजह
बताते चलें कि काफी समय से सरकार और आरबीआई के बीच तनातनी की अंदरुनी खबरें आ रहीं थीं। दरअसल, रिजर्व बैंक कितना रुपया अपने पास रखे और कितना सरकार को दे, इस बात को लेकर कहीं न कहीं विवाद की स्थिति पैदा हो गई थी। रिजर्व बैंक के ही एक और अधिकारी ने तो रिजर्व बैंक के कामकाज में सरकारी हस्तक्षेप तक का इशारा कर डाला था।
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आज उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद इन बातों को और धार मिल गई। विपक्षी दलों ने इसके बाद प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया है कि मोदी सरकार देश की स्वतंत्र संस्थाओं की स्वायत्ता पर हमला कर रही है। आरोप लगाया है कि इसी के चलते उर्जित पटेल ने आखिरकार इस्तीफा देने को मजबूर होना पड़ा है।
राहुल ने बोला, सरकार पर हमला
उधर, विपक्षी दलों की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि बैठक के बीच जानकारी मिली थी कि आरबीआई गवर्नर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कहा कि वह (उर्जित पटेल) सरकार के साथ काम नहीं कर सकते थे। कहा कि बैठक में संस्थाओं पर भाजपा के हमले को रोकना है, इस बार सहमति बनी है।
चिदंबरम बोले, दुखी हूं-हैरान नहीं
पूर्व वित्तमंत्री पी.चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए कहा है कि उर्जित पटेल के इस्तीफे से वह दुखी हैं लेकिन हैरान नहीं है। चिदंबरम ने कहा है कि आत्मसम्मान वाला कोई भी विद्वान इस सरकार के साथ काम नहीं कर सकता है।
प्रधानमंत्री बोले, बहुत याद करेंगे
खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद कहा कि उर्जित पटेल आर्थिक मामलों के अच्छे जानकार और बड़े अर्थशास्त्री भी हैं। वह महान विरासत छोड़कर गए हैं। हम उनको बहुत याद करेंगे।