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मुन्ना बजरंगी हत्याकांड की पुलिसिया कहानी पर फिर उठे सवाल, जेल से मिली पिस्टल से नहीं हुई हत्या

माफिया डान मुन्ना बजरंगी उर्फ प्रेम प्रकाश सिंह। (फाइल फोटो)

समरनीति न्यूज, लखनऊः मुन्ना बजरंगी की जेल में हुई हत्या की वारदात जितनी सनसनीखेज थी उतनी ही इस हत्याकांड की पुलिसिया कहानी भी उलझी है। अब इस हत्याकांड की पुलिस की कहानी पर फिर सवाल खड़े हुए हैं। अबकी बार यह सवाल खड़ा किया है हत्या में प्रयुक्त होने वाली कथित पिस्टल को लेकर हुई फारेंसिक जांच रिपोर्ट ने।

एफएसएल की जांच रिपोर्ट में खुलासा, बरामद पिस्टल से मेल नहीं खा रहे खोखे 

दरअसल, पुलिस सूत्रों का कहना है कि एफएसएल की जांच रिपोर्ट में वैज्ञानिकों का कहना है कि जांच के लिए आई पिस्टल और घटनास्थल से बरामद कर भेजे गए कारतूस के खाली खोखों के बोर का मैच नहीं हो रहा है। यानि सीधा सा मतलब है कि मुन्ना बजरंगी की हत्या में किसी दूसरे असलहे का प्रयोग हुआ।

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सूत्रों की माने तो पुलिस को करीब 20 दिन पहले यह रिपोर्ट मिल गई थी लेकिन पूर्व एसपी जयप्रकाश ने आपजेक्शन लगाकर दोबारा इसे जांच को भेजा था। इसमें कोई शक नहीं कि शायद पुलिस पूरी तरह से इस हत्याकांड में खतरनाक सुनील राठी के कबूलनामे के जाल में फंसकर रह गई है।

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बताते चलें कि मामले में एडीजी जेल चंद्र प्रकाश ने कहा था कि सुबह 6 बजे जेल के अंदर झगड़े के दौरान मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर सुनील राठी नाम के बदमाश ने हत्या कर दी थी। हत्या करने बाद उसने हथियार को जेल के गटर में फेंक दिया था।

पाक-साफ नहीं बल्कि बड़ा खतरनाक अपराधी था मुन्ना बजरंगी

मुन्ना बजरंगी की हत्या जेल में होने की वजह से सवालों में है, वरना मुन्ना भी कोई पाकसाफ इंसान नहीं था। उसके उपर 40  हत्याओं,  लूट और  रंगदारी जैसी संगीन वारदातों के मुकदमे थे।

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मुन्ना बजरंगी पूर्वांचल का सबसे खतरनाक बदमाश माना जाता था जो यूपी पुलिस के साथ-साथ एसटीएफ के लिए भी सिरदर्द बना हुआ था। मुन्ना की दहशत पूर्वांचल ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी थी। वह सरकारी ठेकेदारों से रंगदारी और हफ्ता वसूला करता था और कई बड़े हत्याकांडों को भी अंजाम दे चुका था।