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तकनीकि शिक्षा के जरिए बाल बंदियों की जिंदगी संवारने को तैयार सरकार

समरनीति न्यूज, कानपुरः शहर के बाल सुधार गृहों में बंद सैकड़ों बंदियों को स्किल इंडिया के तहत अब इंजीनियर बनाने की तैयारी होगी। शहर के नारी निकेतन, राजकीय संप्रेषण गृह और बाल गृह में बंद किशोरों और युवतियों को टेक्निकल एजुकेशन की शिक्षा दी जाएगी। इनके विकास के लिए एजेंसियों की तैनाती भी कर दी गई है, जो इन्हें कंप्यूटर, मोबाइल आदि बनाने का तकनीकी ज्ञान देंगी।

खास प्रोजेक्ट तैयार करके बंदियों को मुख्य धारा से जोड़ने की कोशिश  

प्रोजेक्‍ट ‘उड़ान’ के तहत बंदियों की इच्‍छा के लिहाज से उन्हें वह शिक्षा भी दी जाएगी, जो वह पढऩा चाहते हैं। बताते चले कि संप्रेषण गृहों में कई बार अपराध करने वाले किशोर भी बंद हैं, जिन्हें तकनीकी ज्ञान देकर उन्हें सही रास्ते पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। स्किल इंडिया के ‘उड़ान’ प्रोजेक्ट के तहत शहर में कई एजेंसियों को नियुक्त किया गया है। यह एजेंसी प्रशिक्षण दिए जाने के बाद बंदियों की सजा पूरी होने के बाद उनके लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएगी। दिल्ली में इस प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे यूपी में लागू किया गया है।

साफ्टवेयर, हार्डवेयर और रिपेयरिंग  की बारीकियां समझाने की तैयारी  

बंदियों के कौशल विकास के लिए उनको सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, रिपेयरिंग, पार्टस, मेल करना सहित अन्य जानकारियां दी जा रही हैं। बंदियों को तकनीकि शिक्षा देने के साथ ही इस प्रोजेक्ट के तहत सड़कों पर भीख मांगने वाले बच्चों, हृयूमन ट्रैफिकिंग को रोकने और अनाथ बच्चों की परवरिश भी की जाएगी। बच्चों की पढ़ाई और उनकी देखरेख में आने वाला खर्च केंद्र सरकार उठाएगी।