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पहले सोते पति की प्रेमी संग मिलकर कर दी हत्या, फिर घर में ही दफना दी लाश..

चित्रकूट के पहाड़ी थाना परिसर में पुलिस की हिरासत में खड़ी हत्याभियुक्त माया और उसका प्रेमी रज्जन।

समरनीति न्यूज, बांदाः अवैध संबंधों से पनपे कथित प्रेम में इंसान किस हद तक गिरता चला जाता है इसका एहसास तक उसे नहीं होता है। मानवीय संवेदनाओं को हिला देने वाला एक ऐसा ही मामला चित्रकूट जिले के पहाड़ी थाना क्षेत्र में सामने आया है। जहां एक महिला ने कथित रूप से प्यार में पागल होकर पहले प्रेमी संग मिलकर पति को सोते समय बेरहमी से मार डाला। फिर घर के उसी कमरे में गड्ढा खोदकर लाश दफन कर दी। लगभग एक महीने तक उसी घर में रहती रही। प्रेमी से मिलती भी रही।

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बाद में योजनाबद्ध तरीके से पहले प्रेमी को मुंबई भेजा और फिर खुद भी पहले मायके और फिर वहां से प्रेमी के पास जा पहुंची। लेकिन एक सुराग ने दोनों की सारी साजिश का पर्दाफाश कर दिया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। अब दोनों जेल की हवा खाएंगे।

अरुण पाठक, कोतवाली प्रभारी

बताते चलें कि थाना पहाड़ी क्षेत्र के लोहदा गांव में बीती 7 जुलाई को स्व. चुन्नू विश्वकर्मा के पुत्र शिवलोचन विश्वकर्मा की लाश उसी के घर के अंदर गड्ढे में गढ़ी हुई बरामद की थी। पुलिस को घर में शिवलोचन की लाश गढ़ी होने की सूचना मृतक के भाई फूलचंद्र ने पुलिस को दी थी। पुलिस भी घटना के बाद बड़े सकते में थी आखिर हत्या घर के भीतर हुई और लाश भी उसी घर में दबी मिली।

हत्यारा कौन हो सकता है, इस सवाल के जवाब में पुलिस के शक की सुईं पूरी तरह से मृतक की पत्नी माया पर ही गई। पुलिस का शक सही भी निकला और आखिरकार पुलिस ने माया और उसके प्रेमी टुल्लू लोध उर्फ रज्जन पुत्र लुसुरुवा निवासी लोहदा को गिरफ्तार कर लिया।

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कोतवाली प्रभारी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया है कि पुलिस को पूछतांछ में दोनों हत्याभियुक्तों ने जब हत्या और लाश को दबाने का पूरा घटनाक्रम सुनाया तो काफी चौंकाने वाली बात सामने आईं। हत्याभियुक्त महिला माया और उसके प्रेमी रज्जन ने पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूलते हुए पूरी बात बताई कि कैसे दोनों ने मिलकर शिवलोचन की हत्या की और उसकी लाश को ठिकाने भी लगाया।

दरअसल, माया ने बताया कि रज्जन का उसके पति से काफी मेल-जोल था और अक्सर उसके घर आता-जाता था। इतना ही नहीं खाना-पीना भी दोनों का साथ-साथ होता था। इसी बीच माया और रज्जन के बीच प्रेमसंबंध पनप गए और धीरे-धीरे गहरे होते चले गए। शिवलोचन की गैरहाजिरी में अक्सर रज्जन उसके घर पर ही रात बिताने लगा।

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माया ने बताया कि नवंबर-2017 में एक दिन शिवलोचन ने उसकी और रज्जन की साथ-साथ फोटो देख ली। इसके बाद गुस्से में शिवलोचन ने माया की पिटाई कर दी। किसी तरह गुस्सा शांत हुआ और शिवलोचन सो गया। लेकिन माया ने अंदर ही अंदर इंतकाम लेने की ठान ली और उसी रात अपने प्रेमी रज्जन को बुलाकर पति की लाठी से सिर पर ताबड़तोड़ प्रहार करके उसकी हत्या कर दी। इसके बाद दोनों ने मिलकर रस्सी से उसकी लाश को बांध दिया।

फिर फावड़ा लेकर रज्जन और माया ने घर में ही गड्ढा खोद डाला। गड्ढे में दोनों ने रस्सी के सहारे शव को खींचकर गाढ़ दिया। माया ने गड्ढे को लीपकर बिल्कुल उसी तरह कर दिया जैसा कि पहले था। किसी को कानों-कान खबर ही नहीं हुई कि इतना बड़ा हत्याकांड इस घर में हो चुका है और लाश भी घर में दफन है।

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माया ने बताया कि लगभग 20 से 25 दिन वह उसी घर में सामान्य हालात की तरह रहती रही। ताकि किसी को कोई शक न हो। इस बीच पति के बारे में घर वालों और बाहरी लोगों को पूछने पर यही बताती थी कि मजदूरी करने बाहर गया है।

माया ने बताया कि इसके बाद राशन खत्म होने की बात कहकर वह घर की चाबी सास देकर मायके चली गई। वहां से कुछ दिन बाद अपने प्रेमी के पास मुंबई चली गई। वहां दोनों साथ-साथ रहने लगे। अपने अपराध के खुलासे की उनको जरा भी उम्मीद नहीं थी। महीनों गुजरते चले गए किसी को कोई शक नहीं हुआ। इसी दौरान एक दिन घर में मृतक शिवलोचन की बूढ़ी मां को एक जगह मिट्टी नीचे धंसी हुई दिखी।

बूढी मां ने दूसरे बेटे फूलचंद्र से बताया। दोनों ने शक होने पर थोड़ी मिट्टी हटाई तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। नीचे एक लाश दबी हुई नजर आई। तुरंत ही उन लोगों ने पुलिस को मामले की सूचना दी। मौके पर पहुंचे पहाड़ी थानाध्यक्ष अरुण पाठक सीओ राजापुर शिववचन सिंह और मजिस्ट्रेट के साथ मौके पर पहुंचे और शव को बाहर निकलवाया। शव की पहचान करते ही शिवलोचन की मां बदहवास हो गईं।

बेटे की हत्या का उनको जरा भी अंदेशा नहीं था। पुलिस ने पूछतांछ के बाद शव को परीक्षण के लिए भेज दिया। इसके बाद पुलिस ने वारदात की कड़ियां जोड़ना शुरू किया तो हत्या की वारदात की पर्त-दर-पर्त खुलती चली गई। पुलिस माया और उसके प्रेमी रज्जन की गिरफ्तारी का प्रयास करती रही। इसी दौरान एक सूचना पर दोनों को कर्वी बस स्टैंड से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

दोनों को पुलिस जेल भेज रही है। पुलिस का कहना है कि जिस डंडे से शिवलोचन की हत्या की गई उसे पत्नी माया ने चूल्हे में जलाकर राख कर दिया। गड्ढा खोदने वाले फावड़े को घर में ही छिपा दिया था। इस घटना के खुलासे में कोतवाली प्रभारी पाठक के अलावा, सिपाही मुकद्दर सिंह, वीरेंद्र सिंह, रामअजोर सरोज और महिला सिपाही रुचि सिंह की विशेष भूमिका रही।

थाने में मौजूद हत्याभियुक्त महिला माया के दोनों बच्चे।

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हत्याभियुक्त माया के दो बच्चे हैं। एक मानसू सात साल का है और दूसरा हिमांशू छह साल का है। दोनों को पता नहीं कि उम्र के इस खेलने-कूदने वाले दौर में उनके साथ क्या हो गया। दोनों बच्चे मासूमियत से पुलिस बालों को देखते रहे। हकीकत से बेपरवाह, अंजान ये बच्चे किसके साथ रहेंगे।

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अभी इसको लेकर भी संशय हैं क्योंकि हत्याभियुक्त इनकी मां या तो इनको साथ जेल लेकर जाएगी। नहीं तो ससुराल या मायके पक्ष के लोगों के पास छोड़ेगी। फिलहाल दोनों थाने में हैं। कोतवाली प्रभारी श्री पाठक ने बताया कि बच्चों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। सुबह इस बात का फैसला होगा कि बच्चों को कहां और किसके साथ रखा जाएगा।