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बुंदेलखंडः कहने के बाद भी नहीं जागा वनविभाग, ‘रामराज’ ने ले डाली एक और महिला की जान

समरनीति न्यूज, बांदाः अवैध पेड़ों के अवैध कटान के लिए बदनाम बुंदेलखंड के वनविभाग की लापरवाही अब आम आदमी के लिए जानलेवा साबित होने लगी हैं। इस विभाग की लापरवाही और गैरजिम्मेदारी का हाल यह हो चुका है कि चेतावनी के बाद भी विभाग के अधिकारी चेतने को तैयार नहीं। चित्रकूट में फारेस्ट डिपार्टमेंट की लापरवाही के चलते रामराज ने आज एक और महिला की जान ले डाली। जबकि दूसरी को मरणासन्न करते-करते छोड़ा। हम बात कर रहे हैं रामराज नाम के एक वन रोज यानी नील गाय की।

पहले भी वनरोज के हमले में 1 व्यक्ति की हो चुकी मौत और 20 से ज्यादा पहुंच चुके हैं अस्पताल 

जो बीते करीब एक साल से लोगों पर जानलेवा हमला करके कई जानें ले चुका है और कई को अस्पताल पहुंचा चुका है लेकिन शिकायतों पर आंखें मूंदे बैठे वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी कुछ करने को तैयार नहीं हैं। बताया जाता है कि जारोंमाफी गांव की रहने वाली मुन्नी देवी (55) और उनकी साथी बुदिया देवी (35) लकड़ी बीनने के लिए जंगल गई थीं।

मृतक मुन्नी देवी। (फाइल फोटो)

इसी दौरान क्षेत्र में लोगों पर हमला कर रहा रामराज नाम का वन रोज (नील गाय) अचानक वहां आ धमका और महिलाओं पर हमला कर दिया। महिलाएं उससे बचने के लिए खेतों की ओर दौड़ीं। लेकिन उसने दोनों को नीचे पटक दिया। बताते हैं कि बुदिया तो किसी तरह बचकर पास में लगे एक छोटे से पेड़ पर चढ़ गई।

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लेकिन मुन्नी के पेट में सिंग और ठोकर मार-मारकर रामराज ने उसकी जान ले ली। महिला ने वहीं पर दम तोड़ दिया। उधर, पेड़ पर चढ़ी बुदिया जान बचाने के लिए चिल्लाती रही। रामराज नाम का यह वनरोज वहीं पेड़ के पास बैठा रहा। महिला चिल्लाती रही लेकिन गांव दूर होने की वजह से उसकी आवाज वहां तक नहीं पहुंची।

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काफी देर बाद गांव का एक व्यक्ति उधर पहुंचा तो उसने स्थिति को समझकर बाकी गांवा वालों को भी वहां पुकारा। इसके बाद मौके पर लाठी-डंडे लेकर पहुंचे गांव वालों ने वनरोज को भगाकर घायल महिला को उठाया। लेकिन तबतक उसने दम तोड़ दिया था। ग्रामीणों के आने के बाद पेड़ पर चढ़ी महिला बुदिया ने नीचे उतरकर अपनी जान बचाई।

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गांव के लोगों का कहना है कि घटना को लेकर कई बार वन विभाग के लोगों से शिकायत की जा चुकी है लेकिन क्षेत्र का दरोगा भी मामले में बीते लगभग 1 साल से टालमटोल करके निकल जाता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि वनरोज को पकड़कर कहीं दूसरी जगह ले जाकर छोड़ा जाए। नहीं तो वह कई और लोगों की जान ले लेगा।

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ग्रामीणों में वनरोज का डर बना हुआ है। गांव के लोग घरों से अकेले खेतों के लिए निकलने में भी डर रहे हैं। घटना की सूचना पुलिस को दे दी गई है। हांलाकि समाचार लिखे जाने तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंची है। उधर, गांव के लोगों का कहना है कि मृतक महिला के तीन बच्चे हैं। एक लड़की की शादी हो चुकी है जबकि दो लड़के अविवाहित हैं।