समरनीति न्यूज, डेस्कः लोकसभा चुनाव में जिस तरह नेता महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं वह चिंता का विषय है। हाल के दिनों में महिला नेताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी पर चिंता जताते हुए चुनाव आयोग ने दिशा-निर्देश जारी कर पार्टियों से ऐसे करने से बचने के लिए कहा है। चुनाव आयोग ने दिशानिर्देश में राजनीतिक दलों से कहा है कि वे अपने नेताओं को महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी न करने की सलाह दें। चुनाव आयोग का यह दिशानिर्देश समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान द्वारा रामपुर में भाजपा उम्मीदवार जया प्रदा पर की गई टिप्पणी के बाद आया है। इससे पहले इस मामले में कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने आजम खान के चुनाव प्रचार करने पर तीन दिन की रोक लगा दी थी।
नेताओं को नहीं है चुनाव आयोग का डर
आयोग द्वारा आजम खां के खिलाफ की गई कार्रवाई का कोई खास असर नहीं दिखाई दिया। 22 अप्रैल भाजपा नेता महादेव सरकार ने पश्चिम बंगाल की विधायक और टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा के खिलाफ आपत्तिजनक और लैंगिक टिप्पणी की। इसके बाद सरकार के भी चुनाव प्रचार करने पर दो दिन का प्रतिबंध लगा दिया गया।
महिला आयोग भी जता चुका है चिंता
चुना में महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी पर महिला आयोग भी चिंता जता चुकी है। हाल ही में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने चुनाव प्रचार के दौरान महिलाओं के खिलाफ की जाने वाली अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर एक पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र में आयोग ने मांग की थी कि वह चुनाव आचार संहिता में तत्काल एक ऐसा प्रावधान बनाए जो यह सुनिश्चित करे कि कोई भी दल या व्यक्ति लिंग के आधार पर ऐसी टिप्पणी करके न बच पाए ,जो कि महिलाओं के सम्मान को नुकसान पहुंचाती हो।
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