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सीबीआई ने सपा एमएलसी रमेश मिश्रा समेत हमीरपुर-कानपुर-जालौन में कई बालू माफियाओं के ठिकानों पर मारे छापे

प्रतिकात्मक फोटो।

समरनीति न्यूज, कानपुरः दिल्ली समेत यूपी में कई जगहों पर अवैध खनन मामले में छापेमारी कर रही सीबीआई की कार्रवाई से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है। राजधानी लखनऊ में चर्चित आईएएस अधिकारी बी.चंद्रकला के घर छापेमारी के साथ ही कानपुर-हमीरपुर में सपा एमएलसी रमेश मिश्रा समेत कई बालू कारोबारियों-माफियाओं के ठिकानों पर भी सीबीआई ने छापेमारी की। इस छापेमारी से बुंदेलखंड के बांदा, महोबा, हमीरपुर, उरई-जालौन और चित्रकूट के बालू माफियाओं में हड़कंप मचा रहा। 

कानपुर, हमीरपुर, जालौन में भी छापेमारी 

बताया जाता है कि सीबीआई टीम ने सपा के एमएलसी रमेश मिश्रा के कानपुर में नौबस्ता स्थित घर पर छापा मारा। वहां सीबीआई के कुछ अधिकारियों ने अंदर जाकर छानबीन की। कुछ बाहर तैनात रहे। सूत्रों की माने तो घर के सोफों और बिस्तर के साथ ही अलमारियों को खोलकर खंगाला गया। 

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सूत्र बताते हैं कि वहां से सीबीआई को कई अहम दस्तावेज मिले हैं। इतना ही नहीं सीबीआई ने बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले में भी एमएलएसी रमेश मिश्रा, सत्यदेव दीक्षित, संदीप दीक्षित के ठिकानों पर भी छापेमारी की है। उधर, सीबीआई टीम द्वारा जालौन में भी बालू कारोबारी करण सिंह राजपूत और रामअवतार राजपूत के ठिकानों पर छापे मारे गए।

नियमों को ताक पर रख दिए पट्टे 

सपा एमएलसी रमेश मिश्रा का घर।

बताते चलें कि रमेश मिश्रा, संदीप दीक्षित आदि तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के बहुत करीबी थे। इन लोगों को तत्कालीन जिलाधिकारी रहीं बी.चंद्रकला ने नियम-कानून को ताक पर रखकर पट्टे बांटे थे।

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आरोप है कि आईएएस अधिकारी बी.चंद्रकला ने जुलाई 2012 के बाद यहां तैनाती के दौरान 50 बालू खनन के पट्टे जारी किए। हांलाकि उस वक्त ई-टेंडर के जरिये बालू पट्टे होने थे लेकिन बताया जा रहा है कि बी.चंद्रकला ने सारे नियमों को ताक पर रख छोड़ा था। स्थानीय लोगों के बार-बार प्रदर्शन के बाद भी हमीरपुर में बेहिसाब ढंग से अवैध खनन हुआ था जबकि उस वक्त पूरे प्रदेश में खनन बंद था।

मामले में याचिकाकर्ता थे विजय द्विवेदी 

मामले में विजय द्विवेदी द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। उनका कहा था कि बालू खनन पर रोक के बावजूद हमीरपुर में अवैध खनन खुलेआम जारी था। तमाम शिकायतें मिलने के बाद याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सीबीआई को अवैध खनन की जांच सौंप दी थी।