लखनऊः भाजपा के विधायकों को धमकियां देने वाले अपराधि फुल्ली प्रोफेशनल हैं और तकनीकि में काफी मझे हुए खिलाड़ी हैं। यह वजह है कि देश की जांच एजेंसियां उनके बारे में कोई सुराग नहीं लगा पा रही हैं। दरअसल, सूत्रों की माने तो जांच एजेंसियों को धमकी देने वालों को पकड़ने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसका बड़ा कारण है अपराधियों का तकनीकि रूप से मंझा हुआ होना है।
वर्चुअल नंबरों का किया उपयोग, लोकेशन कभी अमेरिका तो कभी पाकिस्तान दिख रही
मतलब अपराधी तकनीक के अच्छे जानकार हैं। अपराधियों ने विधायकों को धमकी वाले जो मैसेज भेज हैं उसमें उन्होंने प्राक्सी आइपी एड्रेस से लेकर अन्य बातों में भी काफी सावधानियां बरती हैं। यानी जांच एजेंसियों से बचने के लिए पहले ही फंडे अपना चुके हैं। इन अपराधियों ने धमकी देने को तीन वर्चुअल नंबरों का उपयोग किया है। जानकार बताते हैं कि अमूमन वर्चुअल नंबरों की आईडी का पता नहीं चल पाता है। अबतक उनकी लोकेशन कभी अमेरिका, कभी पाकिस्तान में मिल रही है। सूत्रों का कहना है कि जिन नंबरों से धमकियां दी जा रही हैं उनको बिटक्वाइन में पेमेंट करके खरीदा गया है। अब जांच एजेंसियां भी आगे की जांच को बेहद बारीकियों के साथ आगे बढ़ा रही हैं। दूसरी ओर विधायकों की धमकी का घटनाक्रम लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।