समरनीति न्यूज, बांदा : किसी ने सही कहा है कि मौत का कोई भरोसा नहीं। न जाने कब आ जाए। मुंबई से ट्रेन में सवार होकर बांदा अपने घर लौट रहे राजकुमार के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। वह बलिया एक्सप्रेस ट्रेन से
मुंबई से अपने घर लौट रहे थे। ट्रेन से उन्होंने अपनी पत्नी आशा को फोन करके कहा कि वह ढाई बजे तक बांदा पहुंच जाएंगे। किसी को स्टेशन भेजकर रिसीव करा लेना। इसके बाद फोन काॅल कट हो गई। फिर कुछ देर बाद गश खाकर ट्रेन की बोगी में गिरे राजकुमार कभी नहीं उठे। उनकी मौत की खबर घर पहुंची।
पड़ोसी यात्री ने दी जीआरपी को जानकारी
पड़ोसी यात्री ने इसकी जानकारी जीआरपी बांदा को दी। बांदा जीआरपी ने बोगी से उतारकर आगे की कार्रवाई करते हुए परिजनों को सूचना भेजी। जानकारी के अनुसार 45 साल के राजकुमार बांदा के गिरवां थाना क्षेत्र के हुसैनपुर गांव के रहने वाले थे।
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वह मुंबई में रहकर पेंटिंग का काम करते थे। अब मुंबई से घर लौट रहे थे। तभी यह घटना हो गई। परिवार के लोगों को जब जीआरपी ने उनकी मौत की सूचना दी, तो पहले तो उनको भरोसा ही नहीं हुआ।
खजुराहो से किया था पत्नी को फोन
शव को देखकर परिवार वालों में कोहराम मच गया। मृतक के मौसेरे भाई हेमराज का कहना है कि गुरुवार को करीब साढ़े 11 बजे राजकुमार ने पत्नी आशा को फोन कर खुद के आने की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि इस समय उनकी ट्रेन खजुराहो में हैं। वह ढाई बजे तक बांदा पहुंचेंगे। किसी को भेजकर रिसीव करा लेना। उनके परिवार में दो बेटे और दो बेटियां हैं। परिवार में सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।
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