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आखिर कौन है हबीब? जिसके एक इशारे बेरोकटोक गुजर रहें एमपी के सैकड़ों ओवरलोड बालू लदे ट्रक

Big news : Strong action on illegal mining in Banda, cancellation of lease , recovery and FIR too
प्रतिकात्मक फोटो।

समरनीति न्यूज, बांदा :  मध्यप्रदेश की खदानों से बालू के ओवरलोड ट्रकों का बांदा के रास्ते यूपी में घुसना कोई मजाक बात नहीं है। खनिज-आरटीओ विभाग और पुलिस के होते हुए अगर ये ट्रक बेरोक-टोक गुजर रहे हैं तो समझ लीजिए किसी बड़े नेता या प्रभावशाली व्यक्ति का संरक्षण प्राप्त है। फिलहाल बांदा में एंट्री यानी ओवरलोड ट्रकों-डंपरों के बेरोक-टोक निकलने के धंधे में एक नाम जमकर गूंज रहा है। वह है हबीब खां। यह हबीब कौन है, कहां का है, किसका संरक्षण प्राप्त है। ऐसे तमाम सवाल लोगों की जुबान पर हैं।

खनिज से लेकर आरटीओ विभाग तक चल रहा दबदबा

दरअसल, एमपी से आने वाली बालू लदी ओवरलोड गाड़ियों की एंट्री बेरोक-टोक जारी है। जिला प्रशासन भले ही सख्ती कर रहा हो, 10-20 गाड़ियों की पकड़ा-पकड़ी के अलावा ओवरलोडिंग पर लगाम नहीं कस पा रहा है।

इसकी वजह है कि हबीब सिंडीकेट, जो पूरे सरकारी सिस्टम पर भारी पड़ रहा है। सूत्रों की माने तो हबीब सिंडीकेट की जड़ें सरकारी अधिकारियों के बीच इतनी गहरी हैं कि इसको उखाड़ फेंकना मुश्किल हो रहा है। वहीं आरटीओ विभाग और खनिज के अधिकारी एंट्री के खेल के आगे मदमस्त हो चुके हैं।

मध्यप्रदेश से बांदा होकर गुजर रहीं 1200 से ज्यादा गाड़ियां

बांदा में इस समय बारिश की वजह से खनन लगभग बंद है, लेकिन मध्यप्रदेश से लगातार बालू की ओवरलोड गाड़ियां बांदा होकर यूपी में एंट्री कर रही हैं। जानकारी बताते हैं कि करीब 1200 ट्रक और डंफर ओवरलोड बालू लेकर निकल रहे हैं।

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इन गाड़ियों को निकालने की पूरी जिम्मेदारी हबीब सिंडीकेट की है। अब सवाल उठता है कि आखिर यह हबीब है कौन? जो पूरे के पूरे सिस्टम पर भारी पड़ रहा है।

Overloading fast in Banda, RTO office officials big game in name of entry fee

खनिज और आरटीओ विभाग के अधिकारी मामले में खामोश !

हालांकि, सूत्रों की माने तो हबीब खां सिंडीकेट और अधिकारियों के बीच की वह कड़ी अहम कड़ी है जो मध्यप्रदेश से आने वाली बालू लदी करीब 1200 ट्रकों-डंपरों को बेरोक-टोक एंट्री दिला रहा है।

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सूत्र बताते हैं कि इस समय आरटीओ विभाग के अधिकारी और खनिज विभाग के अफसर जानबूझकर ओवरलोडिंग पर चुप्पी साधे हैं। कुछ गाड़ियों पर कार्रवाई भी कर रहे हैं कि ताकि यह न लगे कि ओवरलोडिंग के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है।

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प्रशासन के टास्कफोर्स की कार्रवाई भी साबित हो रही नाकाफी

यही वजह है कि बांदा जिला प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद जिले में ओवरलोडिंग के खिलाफ पूरी तरह रोक नहीं लग पा रही है। डीएम द्वारा जब ओवरलोडिंग के खिलाफ एक्शन के लिए गठित टास्क फोर्स एक्टिव होता है तो हबीब सिंडीकेट के लोकेशन ट्रैकर उसकी जानकारी वाहन चालकों को दे देते हैं। गाड़ियां जहां की तहां खड़ी हो जाती हैं। ऐसे में जबतक हबीर पर लगाम नहीं कसेगी, ओवरलोडिंग पर भी लगाम नहीं कसेगी।

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