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बांदा में देशी ठेकों पर धड़ल्ले से बिकती मिलावटी शराब, आबकारी विभाग की लापरवाही से कानपुर-उन्नाव जैसी अनहोनि की आशंका

प्रतिकात्मक फोटो।

समरनीति न्यूज, बांदाः हाल ही में कानपुर के घाटमपुर में और उससे पहले उन्नाव में जहरीली शराब से दर्जनों लोगों ने अपनी जान गवाईं। इन घटनाओं से बांदा आबकारी विभाग ने कोई सबक नहीं लिया है। न ही यहां के आबकारी विभाग की कार्यशैली में कोई परिवर्तन हुआ है। यही वजह है कि शहर में खासकर रिहाइसी इलाकों में चल रहे देशी शराब के ठेकों पर धड़ल्ले से बिना रोक-टोक मिलावट का धंधा चल रहा है। सूत्रों की माने तो देशी शराब के ठेके स्कूलों, धार्मिक स्थलों और ऐसी जगहों पर चल रहे हैं जहां उनको नहीं होना चाहिए। इतना ही नहीं सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि इन ठेकों पर मिलावटी शराब बेचने का काम भी तेजी से चल रहा है।

धार्मिक स्थलों, रोडवेज-स्टेशन के पास ठेके  

बांदा शहर मंडल मुख्यालय है, लेकिन यहां आबकारी विभाग, कोतवाली पुलिस की निष्क्रियता के चलते धार्मिक स्थलों के साथ-साथ रोडवेज, रेलवे स्टेशन और स्कूलों के आसपास शराब के ठेके चल रहे हैं। कुछ प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से यह काम तेजी से फलफूल रहा है। आबकारी विभाग के अधिकारी कभी इन ठेकों पर झांकने नहीं जाते हैं।

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यही वजह है कि रोडवेज और रेलवे स्टेशन के आसपास यात्रियों को जहां शराबियों की बदतमीजी का शिकार होना पड़ता है वहीं कई बार आपराधिक प्रवृति के लोग यात्रियों के साथ मारपीट भी करते हैं। शहर में स्कूलों और कालेजों के पास शराब के ठेके अराजकता बढ़ाने का काम कर रहे हैं। वहीं सबसे ज्यादा दिक्कतें महिला यात्रियों को होती हैं। दिन ढलने के बाद इन ठेकों से शराब पीकर निकलने वाले अराजकतत्व लोगों से लूटपाट करने से भी बाज नहीं आते हैं। आबादीय क्षेत्र में शराब के ठेके लोगों के लिए मुसीबत बने हैं। शहर के रमेश पटेल, अशोक पाठक, विकास त्रिपाठी और अजय साहू ने कहा कि प्रशासन को इन ठेकों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इनको शहर से बाहर करना चाहिए।

कैसे हो रही है मिलावट.. 

सूत्रों की माने तो देशी शराब के ठेकों की बात करें या अंग्रेजी शराब की दुकानों की। कमोवेश हर जगह हालात एक जैसे ही हैं। सूत्रों का कहना है कि कुछ जगहों पर मिलावटी शराब बनाकर उसमें असली शराब थोड़ी मात्रा में मिला दी जाती है। इससे सस्ती शराब के बदले ज्यादा कीमत वसूली जा रही है। सूत्र बताते हैं कि शराब कारोबारियों ने विभाग के कुछ लोगों को भी अपने इस गौरखधंधे में शामिल किए हुआ है। यही वजह है कि सबकुछ जानकर भी विभाग इनपर कार्रवाई नहीं कर रहा है। हांलाकि, शहर के कुछ लोगों का कहना है कि इस मामले में उच्चाधिकारियों को शिकायत भेजी जाएगी। ताकि यहां कोई अनहोनी न हो।

मुख्यालय पर ऐसे हालात तो .. 

इस मामले में जब जिला आबकारी अधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। सूत्र बताते हैं कि आबकारी विभाग जानते हुए भी अंजान बना हुआ है।  सूत्र बताते हैं कि शहर में मिलावटी शराब का धंधा तेजी पकड़ रहा है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब जिला मुख्यालय पर यह हाल है तो फिर ग्रामीण इलाकों में क्या स्थिति होगी। यह बड़ी चौंकाने वाली बात है कि इतना कुछ जिले में हो रहा है और अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं है।

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