समरनीति न्यूज, लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने विरोध-प्रदर्शनों की आड़ में संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों से वसूली के लिए कानून को मंजूरी दे दी है। आज शुक्रवार शाम राजधानी स्थित लोक भवन में मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें उत्तर प्रदेश रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश-2020 के ड्रॉफ्ट को मंजूरी दी गई।
कैबिनेट की बैठक में ड्राफ्ट को मंजूरी
बताते चलें कि सरकार के इस फैसले को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि राजधानी लखनऊ में कुछ दिनों पहले सीएए यानि नागरिकता संसोधन कानून के विरोध की आड़ में जमकर हिंसा हुई थी। इतना ही नहीं उपद्रवियों द्वारा सरकारी व निजी संपत्तियों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया गया था। इसके साथ ही कैबिनेट बैठक में कुल 30 अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी मुहर लगी है।
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इस मामले में प्रदेश सरकार के वित्त एवं उच्च चिकित्सा मंत्री सुरेश खन्ना ने जानकारी दी है कि सुप्रीम कोर्ट ने रिट याचिका (क्रिमिनल) संख्या-77/2007 तथा याचिका (क्रिमिनल) संख्या-73/2007 की सुनवाई के दौरान विशेष रूप से जुलूसों तथा विरोध-प्रदर्शनों में संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की गतिविधियों की वीडियोग्राफी कराते हुए दोषियों से वसूली करने का आदेश दिया था। कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए यूपी सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री के फैसले को सभी मंत्रियों ने सराहा
वित्त मंत्री खन्ना ने कहा कि इस अध्यादेश को अमली जामा पहनाने को शीघ्र ही नियमावली बनाने की तैयारी की जा रही है। वहीं खास बात यह है कि इस कैबिनेट बैठक में मौजूद सभी मंत्रियों ने सरकार द्वारा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के निर्णय की सराहना की है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभी मंत्रियों ने तारीफ की है। इस मामले में सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह का कहना है कि बैठक में सभी मंत्रियों का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला अच्छा है। इससे तोड़फोड़ की घटनाओं पर रोक लगेगी।
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