समरनीति न्यूज, बांदा : टेलीविजन एक्ट्रेस शिल्पा रायजादा का कहना है कि चलते रहने का नाम ही जिंदगी और किसी पड़ाव पर रूके तो सफलता हमसे कोसों दूर पहुंच सकती है। उन्होंने शहर के स्वराज कालोनी में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में ये बातें कहीं। कहा कि खुद के आत्मविश्वास को सीढ़ी बनाकर अभिनय के क्षेत्र में आगे कदम बढ़ाए हैं। इसमें उनके परिवार का पूरा सहयोग रहा और वह सफलता के करीब पहुंच रही हैं। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए आत्मविश्वास बेहद जरूरी है।
कथक के गुर सीखने अपनी बुआ के घर आई हैं टीवी अदाकारा
दरअसल, शिल्पा आज यहां बांदा की शहर के स्वराज कालोनी में रहने वाली अपनी बुआ और कथक नृत्य गुरु श्रद्धा निगम के घर आई थीं।
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टेलीविजन कलाकार शिल्पा रायजादा ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि वह यहां अपनी बुआ से कथक के गुर सीखने आई हैं। कथक के जरिए अभिनय कला में जान डालने का प्रयास करेंगी।
वह अलग-अलग सीरियलों में विभिन्न किरदार निभा चुकी हैं। स्टार प्लस के हमारी देवरानी की पद्मिनी से अभिनय की शुरूआत करने वाली शिल्पा ने ये रिश्ता क्या कहलाता है की सुरेखा गोयनका, माता की चौकी की सीता, जी टीवी में जोधा अकबर की शहनाज, वीर शिवाजी की बेगम रुकसार, कृष्णाबेन खाखरावाला की बंसरी, ठाकुर गर्ल्स की बिन्नी आदि विभिन्न किरदारों में अपनी अभिनय का लोहा मनवाया है। वह मूलरूप से मध्य प्रदेश के जबलपुर के कौड़िया गांव की की रहने वाली हैं।
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