समरनीति न्यूज, बांदाः मंडल मुख्यालय पर महाराणा प्रताप चौराहे पर स्थिति सिविल लाइन्स पुलिस चौकी के बिल्कुल नजदीक की यह तस्वीर कई महकमों और जिम्मेदारों की पोल खोल रही है। इसमें एक ठेले वाला इंडेन कंपनी के रसोई गैस सिलेंडर का कमर्शियल उपयोग कर रहा है। यह तस्वीर एक साथ कई तरह की व्यवस्थाओं की खामियों को उजागर कर रही है।
कुछ दिन पहले हुआ था हादसा
एक गैंस एजेंसियों के संचालकों की कालाबाजारी को। जो ज्यादा पैसे लेकर दुकानदारों और ठेलेवालों को रसोई गैस के सिलेंडर दे रहे हैं। दूसरा पुलिस की लापरवाही को। पुलिस चौकी की दीवार से सटे हुए स्थान पर यह ठेला खड़ा है। पीछे पुलिस चौकी दिखाई दे रही है लेकिन पुलिस रोक नहीं रही। तीसरा जिले के आपूर्ति विभाग की ओर से कालाबाजारी पर रोकथाम नहीं की जा रही है।
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अभी चंद दिनों पहले ही इंदिरानगर गेट के पास एक मारूति वैन में रसोई गैस के सिलेंडर से रिफलिंग के दौरान आग लग गई थी। इसमें एक व्यक्ति गंभीर रूप से झुलस भी गया था। इसके अलावा भी गैस रिफलिंग की घटनाएं होती रहती हैं। फिर भी कालाबाजारी पर रोक नहीं लग रही है। भले ही शहर का आम उपभोक्ता गैस की किल्लत से जूझ रहा हो। लेकिन न प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान इस ओर जा रहा है और न ही जनप्रतिनिधियों का।