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जहां होता है पानी, वह नगर खुशहाल रहता है..बांदा में कुआं-तालाब बचाओ अभियान के तहत कवि सम्मेलन-मुशायरा

समरनीति न्यूज, बांदाः जिला प्रशासन की पहल पर चलाया जा रहा कुआं-तालाब बचाओ अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण एवं जल विषय पर स्थानीय निजामी पैलेस में बीती राज कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन हुआ। इसमें सचिव यूपी सिंह जलशक्ति मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली मुख्य अतिथि रहे। कवि सम्मेलन में स्थानीय कवि डा चंद्रिका प्रसाद दीक्षित ‘ललित’व जवाहरलाल आदि ने अपनी-अपनी कविताएं पुस्तुत कीं। कार्यक्रम में कानपुर से आईं विश्व विख्यात शायरा शबीना अदीब ने पढ़ा ‘जहां होता है पानी वह नगर खुशहाल रहता है, वहां मिलते हैं आंसू जिस जमी पर अकाल रहता है।

जौहर कानपुरी ने पढ़ा, बिना पानी न चल पाएगा जीवन..

जौहर कानपुरी ने ‘बिना पानी न चल पाएगा जीवन, बचेंगे हम न ये सासों का बंधन।’ इटावा से आए कवि डा राजीव राज द्वारा ‘ज्ञान, बुद्धी, बल मिला तो बन गया भगवान है, इस कदर विज्ञान के प्रतिमान पर अभिमान है।’ रावेंद्र मोहन त्रिपाठी आगरा ने ‘पानी घरती का श्रृंगार, पानी जीवन का आधार।’ शिवशरण बन्धु फतेपुर ने ‘कंकड किसने डाल दिया है पानी में, पानी का दिल कांप रहा है पानी में, दुनिया के हालात गवाही देते हैं आने वाला युद्ध छिपा है पानी में।’ फिरोजाबाद से आए शायर जीरो बांदवी ने पढ़ा ‘बैठे पानी में रवानी की जरूरत समझो, कितनी इंशा को है पानी की जरूरत समझो।’ ‘नजर में है जो खुशहाली के मंजर, सूख जाएंगे, जमी हो जाएगी बंजर, मुकद्दर सूख जाएंगे, अगर रोकी गयी न मुल्क में पानी की बर्बादी, कुएं-तालाब दरिया क्या समंदर सूख जाएंगे। जिलाधिकारी हीरा लाल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

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