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कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ गैरजमानती वारंट

कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी। (फाइल फोटो)

समरनीति न्यूज, इलाहाबाद: यूपी सरकार की कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ अदालत ने गैरजमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए हैं। यह आदेश विधायकों-सांसदों पर मुकदमों के निपटारे को गठित विशेष अदालत ने यह आदेश दिए हैं। विशेष न्यायधीश पवन कुमार तिवारी ने यह आदेश पिछले एक साल कई तारीखों पर जमानती वारंट के बावजूद हाजिर न होने पर दिया गया है।

बार-बार वारंट के बावजूद नहीं अदालत में नहीं हो रही थीं हाजिर 

पूरा मामला वर्ष 2010 की घटना से जुड़ा है। यह मुकदमा लखनऊ में 2011 से विचाराधीन है। बताया जाता है कि 14 फरवरी 2011 को कोर्ट ने संज्ञान लेकर सम्मन जारी किया। इसके बाद भी कई सम्मन जारी हुए और 18 अगस्त 2017 को 10 हजार का जमानती वारंट जारी हुआ।

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17 सितंबर 2018 तक 12 तारीखों पर जमानती वारंट जारी हुआ। लेकिन इसके बाद भी रीता बहुगुणा जोशी अदालत में हाजिर नहीं हुईं। केस का शीघ्र निपटारा आरोपियों के अदालत में हाजिर हुए बिना संभव नहीं था। इसलिए अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया.

क्या है पूरा मामला

राजधानी लखनऊ के वजीरगंज थाने में वर्ष 2010 में मामला दर्ज हुआ था। उस वक्त रीता बहुगुणा जोशी प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष हुआ करती थीं। कांग्रेस महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष मीरा सिंह व रीता बहुगुणा जोशी पर आरोप है कि उन्होंने धारा 144 लागू का उलंघन किया।

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धार 144 लागू होने के बावजूद शहीद पथ पर सभा की थी और इसके बाद भीड़ लेकर विधानसभा तक पहुंची थीं। आरोप है कि पुलिस के रोकने की कोशिश के बाद बड़ा बवाल और तोड़फोड़ व आगजनी हुई थी।