समरनीति न्यूज, बांदा : बुंदेलखंड में अन्ना पशु यानी आवारा जानवरों की समस्या किसी से छिपी नहीं है। इंसानियत इसलिए शर्मिंदा है कि इनके पालक इनको बेसहारा सड़कों पर छोड़ देते हैं। वहीं किसान इनसे इसलिए परेशान हैं कि ये उनकी मेहनत से तैयार की जाने वाली फसलों को चट कर जाते हैं। यूपी की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार इन पशुओं के लिए गंभीर प्रयास कर रही है, लेकिन सरकारी मशीनरी इन प्रयासों को कैसे घुन की तरह खा रही है, इसका उदाहरण बुंदेलखंड के बांदा जिले में देखने को मिला। जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह ने सख्त कदम उठाते हुए निलंबन की कार्रवाई की है।
जांच में मामला सही मिलने पर कार्रवाई
दरअसल, जिले के अतर्रा में अस्थाई गोशालाओं के नाम पर चारा-भूसा घोटाले के मामले में 8 माह तक चली जांच के बाद आरोपी ग्राम पंचायत सचिव को सस्पैंड कर दिया गया है। साथ ही घोटाला की 16 लाख की रकम की वसूली के भी आदेश दिए गए हैं। अब अगली कड़ी में गांव के प्रधान के खिलाफ कार्रवाई होनी है। बताते हैं कि नरैनी क्षेत्र की छतैनी ग्राम पंचायत में अन्ना पशुओं के लिए अस्थाई गोशाला के नाम पर चारा-भूसा को बीते वर्ष 16 लाख रुपए मिले थे।
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बताते हैं कि एक बार खरीदे गए भूसे के ढेर की अलग-अलग तरह से फोटो खिंचाई गई, फिर कई खरीद दिखाकर 16 लाख रुपए हड़प लिए गए। क्षेत्रीय विधायक राजकरन कबीर ने भी मुख्यमंत्री सहित उच्चाधिकारियों को मामले में शिकायती पत्र लिखा। डीएम ने जिला कृषि अधिकारी प्रमोद कुमार और जिला पशु चिकित्सा अधिकारी डा. धीर की दो सदस्यीय टीम गठित की। आरोप सही मिले तो सीडीओ हरिश्चंद्र वर्मा ने निलंबन की कार्रवाई कर दी। उधर, जिला विकास अधिकारी कृष्ण करुणा शंकर पांडेय ने निलंबन की पुष्टि की है।
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