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बांदा में भाजपा नेता की खदान के पास अवैध बालू भंडारण पर कार्रवाई, खदान पर भी अवैध खनन मिला, एफआईआर

समरनीति न्यूज, बांदाः जिले में बीती शाम जिला प्रशासन ने एक बड़े भाजपा नेता की खदान के पास ट्रैक्टरों से कथिततौर पर अवैध रुप से किए जा रहे बालू भंडारण पर प्रशासन की नजर टेढ़ी हो गई। बताते हैं कि जिलाधिकारी के निर्देश पर खनिज और राजस्व के अधिकारियों ने छापा मारकर मौके से एक पोकलेंड मशीन और बालू ढो रहे छह ट्रैक्टरों को पकड़ने की बात सामने आ रही है। हालांकि इस संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए जब खनिज निरीक्षक राजेश कुमार को शुक्रवार शाम, उनके मोबाइल नंबर पर कॅाल की गई, तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।

देर रात प्रशासन ने कर दी कार्रवाई  

हालांकि बाद में मीडिया को खान निरीक्षक ने बताया कि सुनील गुप्ता नाम के व्यक्ति का डंप है। इस डंप पर पास की गंछा खदान से अवैध रूप से खनन करके बालू लाया जा रहा था। कहा कि छह ट्रैक्टर चालक और पौकलेंड चालक को पकड़ा गया है जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है। कहा कि डंप मालिक सुनील गुप्ता के खिलाफ भी एफआईआर कराई जा रही है। गंछा खदान पर कुल 513 घन मीटर अवैध खनन पकड़ा गया है जो इन आरोपियों द्वारा, हुआ बताया जा रहा है। उधर, दूसरी ओर भाजपा नेता की खदान पर लेखपाल और दूसरे राजस्व कर्मियों द्वारा नाप-जोख करने की भी जानकारी मिल रही है।

तरह-तरह की आ रहीं प्रतिक्रियाएं  

ऐसे में मामले को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रिया आ रही हैं। कुछ लोग इसे पार्टी की फजीहत बता रहे हैं तो कुछ लोगों का कहना है कि यह घटना गुटबाजी का परिणाम है। वहीं प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि प्रशासन ने नियमतः कार्रवाई की है। इस सीजन में खनन पूरी तरह से बंद है। फिर भी अवैध रूप से ट्रैक्टरों से खदान से बालू लाकर कुछ दूरी पर डंप वाली जगह पर इकट्ठा किया जा रहा था। बाद में ये लोग इस बालू को डंप का बताकर बेचते हैं। हालांकि बुंदेलखंड में बालू माफियाओं का यह फंडा बहुत पुराना है और इसमें कोई नई बात नहीं है।

आफ सीजन में चल रहा डंप का खेल  

चौंकाने वाली बात यह है कि बांदा में प्रशासन ने बालू के जो डंप दिए हैं उनमें भी ज्यादातर खदान संचालकों के डमी कंडिडेट को ही दिए गए हैं। ऐसी खबरेें अखबारों में छपी हैं। ऐसे में सिर्फ एक खदान के पास भंडारण पर सख्ती खुद प्रशासन की नियत पर भी सवाल उठा रही है। वहीं ज्यादातर पार्टी के नेता किसी न किसी ढंग से खनन से जुड़े हैं जो कहीं न कहीं पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है।

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