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यूपी गठबंधन में जुड़ा एक और नया अध्याय, ये छोटे दल भी हुए साथ..

अखिलेश यादव।

समरनीति न्यूज,पॉलीटिकल डेस्कः  उत्तर प्रदेश की राजनीति में रोज कुछ न कुछ नया हो रहा है। आज इसी कड़ी में सपा-बसपा-रालोद के गठबंधन में एक नया अध्याय जुड़ गया। इस गठबंधन में निषाद पार्टी और जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) भी शामिल हो गई है, जबकि राष्ट्रीय समानता दल ने समर्थन का एलान किया है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर इसका ऐलान किया। हालांकि निषाद पार्टी और जनवादी पार्टी से गठबंधन के फार्मूले पर उन्होंने अभी पत्ते नहीं खोले हैं। इस अवसर पर अखिलेश ने कहा कि गरीबों को घर, बिजली व समाजवादी पेंशन का पैकेज देने पर सपा अध्ययन कर रही है।

लाख से ज्यादा भी हो सकता है पैकेज  

इसे जल्द सामने लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पैकेज एक लाख से भी ज्यादा हो सकता है। अखिलेश ने दावा किया कि इस पैकेज से गरीबों में खुशहाली आएगी। गोरखपुर और महराजगंज से निषाद को चुनाव लडऩे के लिए हरी झंडी ऐसी चर्चा है कि सपा एक सीट अपने सिंबल तथा दूसरी सीट निषाद के बैनर तले लडऩे के लिए छोड़ेगी। दरअसल गोरखपुर में हुए उप चुनाव में इसी दल के साथ गठबंधन कर अखिलेश यादव ने गोरखपुर की प्रतिष्ठापरक सीट भाजपा के हाथ से छीन ली थी। सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव ने गोरखपुर और महराजगंज से निषाद को चुनाव लडऩे के लिए हरी झंडी दे दी है।

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गोरखपुर से सांसद प्रवीण निषाद सपा से उम्मीदवार होंगे, जबकि निषाद के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद अपनी पार्टी के उम्मीदवार घोषित होंगे। निषाद, बिंद, कश्यप जातियों की बहुलता को देखते हुए सपा ने किया तालमेल पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिम तक निषाद, बिंद, कश्यप जातियों की बहुलता को देखते हुए सपा ने इससे तालमेल किया है। हालांकि सपा सरकार में ही संतकबीरनगर जिले में आंदोलन से संजय निषाद का उभार हुआ, पर बदले समीकरण में अखिलेश से संजय के रिश्ते मजबूत हो गये हैं। हाल में गोरखपुर में भाजपा सरकार के खिलाफ प्रवीण निषाद ने प्रदर्शन भी किया था। वहीं जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के अध्यक्ष डॉ संजय चौहान हैं। इस पार्टी ने वर्ष 2012 में भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। इस बार यह पार्टी सपा के गठबंधन में शामिल हो रही है। जनवादी पार्टी का भी पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रभाव है।