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बांदा : यहां मंत्री के क्षेत्र में बैकफुट पर BJP, सरकार के 100 दिन और आत्मविश्वास शून्य !

UP Elections 2022 : Candidates of big parties sitting on their hands waiting for party funds in Banda-Bundelkhand

मनोज सिंह शुमाली, ब्यूरो : UP Byelection 2022 : जलशक्ति जैसे भारी-भरकम विभाग के मंत्री का विधानसभा क्षेत्र और उप चुनाव में बैकफुट पर भाजपा। सरकार के 100 दिन और पार्टी के नेताओं का आत्मविश्वास शून्य। क्या यह संभव है..? जी हां, यह सच है। बांदा में आज जसपुरा प्रथम वार्ड-12 के लिए जिला पंचायत सदस्य और दो प्रधान पदों के लिए उप चुनाव हो रहा है। सबसे ज्यादा नाक की लड़ाई जसपुरा में होने वाले जिपं सदस्य पद के चुनाव के लिए है लेकिन इस सीट पर एक नई पाॅलिटिकल पिक्चर सामने आ रही है। बीजेपी के विधायक और मंत्री वाले इस क्षेत्र में पार्टी जीरो आत्मविश्वास के साथ खड़ी नजर आ रही है।

1 साल पहले शानदार जीत, अब समर्थन तक नहीं

जहां एक साल पहले भाजपा नेत्री श्वेता सिंह गौर ने शानदार जीत दर्ज कराई थी। अब उसी सीट पर भाजपा बैकफुट पर खड़ी दिखाई दे रही है। एक ओर समाजवादी पार्टी बढ़-चढ़कर जीत दावे कर रही है, पूरी ताकत झोंके हुए है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा खुलकर मैदान में उतरने की हिम्मत तक नहीं जुटा सकी। पार्टी पूरी तरह बैकफुट पर है।

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चौंकाने वाली बात यह है कि यह क्षेत्र जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री रामकेश निषाद के विधानसभा क्षेत्र में आती है। यानी पार्टी अपने राज्यमंत्री के क्षेत्र में इतना भी आत्मविश्वास नहीं जुटा सकी कि चुनावी मैदान में खुलकर सामने आ सके। बताते चलें कि हाल ही में योगी सरकार के 100 दिन पूरा होने पर मंत्रियों ने अपनी-अपनी उपलब्धियां गिनाईं हैं। सरकार के 100 दिन में यहां के नेताओं का आत्मविश्वास शून्य हो गया है।

पार्टी के बड़े नेता किनारे, संगठन ने भी खड़े किए हाथ

लोगों का कहना है कि इस चुनाव में पार्टी का कोई बड़ा नेता या संगठन पदाधिकारी जनता के बीच नजर नहीं आए हैं। इन सभी बातों को लेकर क्षेत्र में काफी चर्चाएं हैं। कुछ लोग इसे पार्टी की रणनीति बता रहे हैं तो कुछ का कहना है कि यह स्थानीय नेताओं की चतुराई है। जनता पर पकड़ नहीं है। खुद योगी-मोदी के नाम पर जीते हैं। इसलिए हार के डर से दूरी बनाकर चल रहे हैं। जिले में संगठन भी कमजोर है, इसलिए प्रत्याशी पर फैसला नहीं ले सके।

यह डर है या जीत के लिए कोई रणनीति, समझ से परे

बहरहाल, यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है कि जलशक्ति जैसे महत्वपूर्ण विभाग के राज्यमंत्री के क्षेत्र में सरकार बनने के 100 दिन बाद भी इतना साहस क्यों नहीं जुटा पाई। क्या सचमुच सरकार के 100 दिन में जनता से जुड़ाव पैदा नहीं हो पाया है। या फिर यह पार्टी की कोई रणनीति है। हालांकि, कुछ पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि अंदरखाने इस सीट पर पुष्पा सिंह यानी स्व. श्वेता सिंह को ही अपना समर्थन दे रही है। बस रणनीतिक तौर पर खुलकर सामने नहीं आया जा रहा है।

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