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अब Month के End पर नहीं, बल्कि starting पर जाएगा सेल रिटर्न

समरनीति न्यूज, नेशनल डेस्कः गौरतलब है कि आयकर रिटर्न को भरने का समय नजदीक आता जा रहा है. ऐसे में ज़ाहिर सी बात है कि जीएसटीएन में पंजीयन कराए कारोबारियों को इस बार रिटर्न भरने में खास ध्यान रखना होगा। इस बार कई खास और जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा।

सूर्य प्रकाश त्रिवेदी, सीए।

क्या कहते हैं एक्सपर्टः इन Alertness के साथ दाखिल करें  Return 

लखनऊ के जाने-माने सीए सूर्य प्रकाश त्रिवेदी कहते हैं कि जैसे व्यापारियों को पर्चेस में “जीएसटी-पे” को अपने रिटर्न में सही ढंग से दर्शाना होगा। अगर इसमें कहीं कोई चूक या गल्ती हुई तो इसका खामियाजा मिलने वाली छूट लैप्स कर जाएगी। यहां ये भी बताना जरूरी होगा कि कारोबारियों को इसलिए रिटर्न भरते समय खास सावधान रहने की जरूरत है। उसने वित्तीय वर्ष के दौरान कितना गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) एकत्र किया और कितना टैक्स के रूप में जमा किया। इसकी साफ जानकारी भी देनी होगी। इसके साथ ही उसने एसजीएसटी, सीजीएसटी और आइजीएसटी में वर्ष भर में कितना जमा किया, इसकी भी जानकारी अलग-अलग देनी होगी।

अब  Month के starting पर जाएगा सेल रिटर्न  

खास बात यह है कि सेल रिटर्न जहां पहले Month End यानि महीने के आखिर में जमा दाखिल करना होता था वहीं अब इसको Month Starting पर जमा करना होगा। इसी आखिरी सीमा महीने की 10 तारीख होगी। इसमें किसी भी तरह की देरी आपकी जेब पर भारी पड़ सकती है। इस क्रम में रिटर्न दाखिल करते समय हर संभव सावधानी बरतनी चाहिए. इसके पीछे कारण है कि अब किसी भी गलती पर बड़ा जुर्माना हो सकता है। गौरतलब है कि पिछले साल 1 जुलाई को जीएसटी को लागू कर दिया गया था। उसी माह आयकर रिटर्न दाखिल होने थे तब जीएसटी के आंकड़ों का उसमें उल्लेख नहीं करना था लेकिन अब एक वर्ष बाद आयकर के रिटर्न में जीएसटी के आंकड़े भी मांगे जा रहे हैं।

सेल्सटैक्स विभाग ने उठाया सख्‍त कदम  

अपने रिटर्न के साथ आयकर विभाग यह भी जानना चाहता है कि कारोबारी ने अपने कारोबार के दौरान क्या खरीद की और क्या बिक्री। इसके जरिए वह उसके लाभ की वास्तविक हालत को भी जानना चाहता है, ताकि कोई कारोबारी अपने लाभ को कम दिखाकर आयकर को कम टैक्स न दे।

मुश्‍किलों से बचकर बढ़ना होगा आगे  

आयकर रिटर्न दाखिल करते समय विभाग की वेबसाइट पर हर करदाता का फार्म 26 एएस दिखता है। इसमें विभाग करदाता द्वारा नकद जमा किए गए आयकर, टीडीएस की धनराशि के साथ ही टीडीएस या टीसीएस के स्त्रोत की धनराशि के साथ दिखाता है। रिटर्न दाखिल करने से पहले इन आंकड़ों का मिलान कर लेना चाहिए। ऐसा न करने पर आंकड़े गलत हो सकते हैं और इससे बाद में मुश्किलें भी हो सकती हैं।