समरनीति न्यूज, बांदा : जिले में आबकारी विभाग के अधिकारियों की भ्रष्ट कार्यशैली किसी से छिपी नहीं है। शायद ही कोई ऐसा हो, जिसे आबकारी विभाग के अधिकारियों की कारगुजारी पता न हो। अब एक बार फिर आबकारी विभाग के अधिकारियों की भ्रष्टतम कार्यशैली की पोल खुली है। दरअसल, सीओ सदर सत्यप्रकाश शर्मा, प्रभारी निरीक्षक अर्जुन सिंह और एसआई रमाशंकर सिंह ने कस्बे में चोरी-छिपे एक शराब ठेके के सेल्समैन द्वारा अवैध शराब बिक्री पकड़ी। हालांकि, सेल्मैन पुलिस को देखकर शराब की बोतले छोड़कर भाग निकला। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अर्जुन सिंह का कहना है कि चोरी छिपे देशी शराब की दुकान से सेल्समैन शराब बेच रहा था। बताते चलें कि चुनावों के बीच जिले में अवैध रूप से देर रात तक शराब की बिक्री बढ़ी है।
पुलिस को देखकर बोतले छोड़ा भागा सेल्समैन
पुलिस के पहुंचते ही शराब छोड़कर भाग निकला। अज्ञात सेल्समैन के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 व 60 आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। बताते चलें कि 23 फरवरी को जिले में विधानसभा के लिए चौथे चरण का मतदान होना है।
ऐसे में जिलाधिकारी अनुराग पटेल के आदेश पर सभी शराब की दुकानें बंद करा दी गई हैं। दो दिन शराब दुकानें बंद रहेंगी। इसके बावजूद सूत्र बताते हैं कि जिले में शराब की दुकानों से चोरी-छिपे दारू बेची जा रही है।
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चौंकाने वाली बात यह है कि आबकारी विभाग की पूरी तरह मामले में मिलीभगत रहती है। जिला आबकारी अधिकारी संतोष कुमार की बात भी किसी के गले नहीं उतरती।
आबकारी विभाग की ओर से नहीं होती ठोस कार्रवाई
आज इस मामले में जब उनसे बात की गई तो उनका कहना था कि सेल्समैन शराब बेच रहा था। इसमें दुकानदार की क्या गलती। उन्होंने कहा कि पुलिस ने कार्रवाई की है तो अपने ढंग से कार्रवाई करे। उनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। बताते चलें कि जिले में मिलावटी और ओवररेट शराब की बिक्री आम बात है। फिर भी आबकारी विभाग की ओर से कभी ठोस कार्रवाई नहीं होती। पुलिस कार्रवाई करती है तो शराब बिक्री में हेरफेर का खुलासा होता है।
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