मनोज सिंह शुमाली, ब्यूरो : UP Civic Election 2023 नगर निकाय चुनाव को लेकर मंगलवार को आए हाईकोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अपना पक्ष साफ कर दिया है। अब इतना तो साफ है कि फिलहाल चुनाव नहीं होंगे। अब यह चुनाव अप्रैल या मई माह में संभल हो सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदितयनाथ ने साफ कर दिया है कि प्रदेश सरकार ओबीसी आरक्षण देने के बाद ही चुनाव कराएगी। ऐसे में सरकार ट्रिपल टेस्ट फार्मूले के जरिए ओबीसी आरक्षण लागू करती है तो इसमें 4 से 5 महीने का समय लगना स्वभाविक है।
आरक्षण लागू होने में कम से कम 3 से 4 महीने
यानि बात साफ है कि अब निकाय चुनाव अप्रैल या मई से पहले नहीं हो सकेंगे। निकाय चुनाव कम से कम 3 महीने के लिए टल गए हैं। बताते चलें कि आयोग की देखरेख में ओबीसी आरक्षण लागू करने की प्रक्रिया चलेगी।
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इसके लिए सबसे पहले सरकार एक आयोग का गठन करेगी। इसके बाद पूरी क्रिया में कम से कम 4 से 5 महीने लगेंगे। बताते चलें कि मौजूदा नगरीय निकायों के बोर्डों का कार्यकाल 12 दिसंबर से लेकर जनवरी के आखिर तक समाप्त हो रहा है।
2017 में 35 से 36 दिनों में कराए गए थे चुनाव
राज्य निर्वाचन आयोग को भी चुनाव कराने के लिए डेढ़ माह की जरूरत पड़ेगी। हालांकि, विशेष परिस्थितियों में आयोग 35-36 दिनों में भी चुनाव संपन्न करा सकता है। वर्ष 2017 में हुए चुनावों की बात करें तो चुनाव आयोग ने 27 अक्टूबर को चुनाव की अधिसूचना जारी करते हुए 3 चरणों में मतदान 22, 26 व 29 नवंबर को करा दिया था। फिर वोटों की गिरती 1 दिसंबर को हुई थी।
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