Saturday, May 4सही समय पर सच्ची खबर...

बुंदेलखंडः एक गांव ऐसा भी जहां सोते बच्चों को उठा ले जाते हैं बंदर

प्रतिकात्मक फोटो।

समरनीति न्यूज, बांदाः बुंदेलखंड के बांदा जिले का एक गांव आजकल बंदरों के आतंक की वजह से चर्चा में है। गांव के लोग बंदरों के आतंक से बुरी तरह से डरे और समहे से हैं। डरे होने की वजह भी मुनासिफ है। बंदरों कब सोते हुए बच्चे को उठा ले जाएं। कब स्कूल जाते बच्चों को खदेड़ते हुए काट खाएं। इसका कोई भरोसा नहीं है। दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि वनविभाग को सूचना देकर जल्द बंदरों को पकड़ने का अभियान चलाया जाएगा।

बंदरों के खौफ से स्कूल नही जाते बच्चे  

सादी मदनपुर गांव और चिल्ला कस्बे के ज्यादातर बच्चों ने कटखने बंदरों के खौफ से स्कूल जाना और घरों से निकलना बंद कर दिया है। गांव और कस्बे के लोगों के मुताबिक पिछले तीन महीने के दौरान करीब 150 बच्चों को बंदर काटकर लहूलुहान कर चुके हैं। कई बच्चे ऐसे भी हैं जिन्हे जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

ये भी पढ़ेंः कानपुरः जन्म के बाद ठीक से आखं भी ना खोल सकी नवजात बेटी को पिता ने नहर में फेंका

उनको पांच-पांच टांके लगवाने पड़ गए। बंदरों के आतंक से छुटकारा पाने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस, वन विभाग, सबसे गुहार लगाई। लेकिन निजात नहीं मिली। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग वाले कहते हैं तुम लोग खुद बंदरों को पकड़ों, भगाओ, हम कुछ नहीं कर सकते। चिल्ला कस्बे के राघव, रामदयाल, जगन्था, रामप्रताप, सुखनंदन आदि लोगों ने बताया है कि खपरैलों से चढ़कर बंदर आंगन मे आ जाते हैं।

प्रतिकात्मक फोटो।

बंदरों को बहुत जल्दी पकड़ा जाएगा 

छोटे बच्चों को सोते सेउठाकर भाग जाते है। जब रोटी, मिठाई, फल,आदि लेकर उनको दिखाया जाता है, तब कहीं जाकर बमुश्किल बच्चों को छोड़ते हैं।  स्कूल जा रहे बच्चों को दौड़ाकर काट लेते हैं। उनके बस्तों से टिफिन छीनकर भाग जाते हैं। सादी मदनपुर गांव के रमजान, बहोरा सादिक, अफजल, आदि ने बताया कि कटखने बंदर सैकडों बच्चों को काटकर जख्मी कर चुके हैं।

ये भी पढ़ेंः सभापति रमेश यादव के बेटे की संदिग्ध मौत, आनन-फानन में अंतिम संस्कार करने जा रहे परिजनों को पुलिस ने रोका

बच्चे अकेले घरों से बाहर नहीं निकल पाते हैं। किसी पुरूष के न होने पर ये बंदर महिलाओं पर भी झपट्टा मार देते हैं। चिल्ला इलाके के वन दरोगा ओमप्रकाश अवस्थी का कहना है, कि अभी तक गांव वालों ने वनविभाग को कोई सूचना नही दी थी, अब जानकारी दी गई है, बंदरों को पकडने का अभियान जल्दी शुरू किया जायेगा।