समरनीति न्यूज, बांदा : बांदा में सिर्फ विकास प्राधिकरण के सामने ही बिना नक्शा बनीं दुकानों के लिए सड़क से लोहे की सीढ़ियां नहीं लगाई गई हैं, बल्कि बाजार में भी कई जगहों पर ऐसा है। इससे साफ है कि यह एक प्रायोजित अतिक्रमण है, जो बिना बीडीए की सहमति के नहीं हो सकता। ऐसे में एक तरफ शहर के सौंद्रीयकरण की बात चल रही है। वहीं दूसरी ओर बीडीए की रजामंदी से फैला अतिक्रमण इस पहल को ग्रहण लगा रहा है। विभाग की कारगुजारी इस समय सिर चढ़कर बोल रही हैं। बिना नक्शा पास कराए कई ऊंची बिल्डिंग खड़ी हैं। कई सील होने के बाद गुपचुप ढंग से खुल गई हैं।
सील होने के बाद गुपचुप ढंग से खुल रहीं दुकानें और भवन
कई ऐसी दुकानें हैं जिनको सील किया गया और फिर बिना कार्रवाई के खोल दिया गया। कुछ दुकानें बांदा विकास प्राधिकरण के ठीक सामने भी स्थित हैं, जो विभागीय हीलाहवाली का एक बड़ा जीता-जागता उदाहरण हैं।
इन दुकानों के ऊपर बनीं दुकानों पर जाने के लिए लोहे की सीढ़ियां लगाकर रास्ता सड़क से दे दिया गया है। अब आप समझिए कि बीडीए आफिस के ठीक सामने यह अंधेरगर्दी है तो बाकी जगह क्या होगा।
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चौंकाने वाली बात यह है कि बांदा विकास प्राधिकरण के सचिव से लेकर अन्य अधिकारी रोज वहीं से गुजरते हैं। फिर भी मजाल है कि कोई एक्शन हो जाए।
गुराहा कुआं चौराहे के पास भी सर्राफा दुकान की सड़क पर सीढ़ी
हालांकि, यह कोई एक उदाहरण नहीं है, बल्कि बाजार में भी कई जगहों पर ऐसा है। जानकारी बताते हैं कि सब्जी मंडी के पास गुराहा कुआं चौराहे पर एक सर्राफा दुकानदार ने खुलेआम इसी तरह अतिक्रमण कर रखा है। दुकान के ऊपर अवैध दुकान और फिर सड़क पर लोहे की सीढ़ी से रास्ता बनाया हुआ है। सूत्रों की माने तो बीडीए अधिकारियों की सहमति के बाद ही ऐसा हो रहा है। ऐसे में शहर के सौंद्रीयकरण की बात बेमानी साबित हो रही है। उधर, विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
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