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यूपी चुनाव 2022 : स्टार प्रचारक नसीमुद्दीन के घर बांदा में बिना संगठन चुनावी ताल ठोक रही कांग्रेस, चौंका देगा यह सच..

UP Elections 2022 : In Bundelkhand, Congress opened its cards on 3 seats in Banda, 2 seats in Hamirpur

मनोज सिंह शुमाली, ब्यूरो : संगठन को लगातार मजबूत करने में प्रयासरत कांग्रेस पार्टी की महासचिव एवं यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए चौंकाने वाली खबर है। बुंदेलखंड के बेहद खास मंडल मुख्यालय बांदा में जिले में कांग्रेस पार्टी का चुनाव काफी चर्चा का विषय बना है। दरअसल, चर्चा है कि यहां कांग्रेस का पूरा चुनाव हवा-हवाई है। यह चर्चा निराधार नहीं है। इसकी वजह भी है। वजह काफी चौंकाने वाली है। हर किसी को यह सच चौंका सकता है। खासकर उस वक्त जब पार्टी की महासचिव प्रियंका लगातार पार्टी को संगठनात्मक रूप से मजबूत करने में जुटी हैं। 

संगठन के नाम पर सिर्फ दो लोग, जिलाध्यक्ष और नगर अध्यक्ष  

मुख्य वजह पार्टी का संगठनविहीन होना है। एक और जहां बीजेपी बूथ स्तर पर संगठनात्मक रूप से बेहद सशस्क होकर चुनावी मैदान में ताल ठोक रही है। सपा और बसपा संगठन को आगे रखकर चुनावी जंग लड़ रहे हैं। 

Demand for Arnav's arrest for comment on Sonia Gandhi in Banda

वहीं कांग्रेस के पास संगठन के नाम पर पूरे जिले में सिर्फ दो लोग हैं। एक खुद जिलाध्यक्ष प्रद्युम्न दुबे लालू हैं और दूसरे कांग्रेस के नगर अध्यक्ष संजय गुप्ता हैं। पार्टी के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि इसके अलावा जिला या शहर कमेटी में कोई नहीं है। जरूरत पर पुरानी कार्यकारिणी के नाम ही आगे दिखाकर काम चलाया जा रहा है। यह हाल वहां हैं जहां के रहने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी पार्टी के स्टार प्रचारक हैं। 

Congress party in the election field without organization in the house of Congress star campaigner Naseemuddin Siddiqui, just these two faces in name of organization..

उनके गृह जनपद में जिला या शहर कार्यकारिणी कमेटियों का गठन ही नहीं हुआ। ऐसे में बूथ स्तर पर तो धूल उड़ना लाजमी है। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां कांग्रेस पार्टी का असल हाल क्या है। यहां चुनावी मैदान में पार्टी कितनी मजबूती से खड़ी है। 

न कोई प्रचार में करंट, न दिख रहीं तैयारियां, सबकुछ हवाई हवाई  

दरअसल, किसी भी पार्टी की चुनावी ताकत उसके संगठनात्मक स्वरूप पर निर्भर करती है। संगठन किसी भी राजनीतिक पार्टी की रीढ़ होता है। अब बांदा कांग्रेस की रीढ़ कितनी मजबूत है।

Banda Congressmen celebrated the birth anniversary of the first Prime Minister Pandit Nehru
प्रतिकात्मक फोटो।

इसकी पोल इसी बात से खुल रही है। दावे बहुत कुछ कहते हैं, लेकिन हकीकत बेहद चौंकाने वाली है। हालांकि, जिलाध्यक्ष और नगर अध्यक्ष पूरी मजबूती से अपना काम कर रहे हैं, लेकिन कितना कर सकते हैं। यह बात समझी जा सकती है। इस पर पार्टी के कुछ नेताओं के मन में टीस भी है। वे स्वीकार करते हैं कि यह बड़ा लेक प्वाइंट यानी कमजोर बिंदु है। 

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नसीमुद्दीन प्रदेश में कर रहे प्रचार, घर में पार्टी का हाल बेहाल  

ऐसा क्यों है। नए जिलाध्यक्ष को बने लगभग 1 साल बीत चुका है, फिर क्यों जिला कार्यकारिणी गठित नहीं हुई। यह वजह जानने के लिए जिलाध्यक्ष प्रद्युम्न दुबे से संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।

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बहरहाल, पार्टी की यह हालत स्टार प्रचारक और बड़े नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी के गृह जनपद में है। बाकी जगह क्या हाल होगा, भगवान ही मालिक है। एक और खास बात यह है कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी यूपी के मीडिया प्रभारी भी हैं, लेकिन जिले के मीडिया बंधुओं के लिए उनके दर्शन दुर्लभ ही रहते हैं। 

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चुनावी गणित जोड़ने-घटाने के लिए काफी हैं ये हालात 

इन बातों को ध्यान में रखकर चुनावी गणित जोड़ा-घटाया जा सकता है। बताते चलें कि कांग्रेस ने सभी चार विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। चारों बिना संगठन के मैदान में ताल ठोक रहे हैं। संगठनात्मक रूप से कोई ठोस सपोर्ट उनके पास नहीं है। यही कहा जा सकता है कि जिलाध्यक्ष और नगर अध्यक्ष अपना पूरा जोर लगा रहे हैं। 

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